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2. प्रेम-अयनि श्री राधिका | रसखान | Prem ayani shri radhika ka arth

June 26, 2022 by 2 Comments

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी के पद्य भाग के पाठ दो ‘प्रेम-अयनि श्री राधिका’ (Prem ayani shri radhika ka arth) के व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Prem ayani shri radhika ka arth

2. प्रेम-अयनि श्री राधिका
करील के कुजंन ऊपर वारौं

लेखक परिचय

लेखक- रसखान
पूरा नाम- सैय्यद इब्राहिम खान
इनका जन्म 1548 ई० में एक पठान परिवार में दिल्ली में हुआ था।
यह जहाँगीर के समकालीन थे।
इनकी मृत्‍यु 1628 ई० में हो गई थी।
यह दिल्‍ली में पठान राजवंश में उत्‍पन्‍न हुए थे। दिल्‍ली पर जब मुगलों का अधिकार हो गया, तो यह दिल्‍ली भाग खड़े हुए और ब्रजभूमि में आकर कृष्‍णभक्ति में मग्न हो गए। रसखान मूल रूप से मुसलमान थे, फिर भी इन्होंने जीवन भर कृष्णभक्ति का गान किया।
रसखान सूफियों का हृदय लेकर कृष्‍ण की लीला पर काव्‍य रचते हैं। इनकी रचनाओं को भारतेन्‍दु हरिश्‍चंद्र भी प्रशंसा किए हैं।
गोस्वामी विट्ठलनाथ जी ने कृष्ण के प्रति इनकी भक्ति देखकर अपना शिष्य बना लिया। बचपन से ही यह प्रेमी स्वभाव के थे। बाद में यहीं प्रेम ईश्वरीय (अलौकिक) प्रेम में बदल गया। कृष्ण भक्ति से उत्प्रेरित हो कर ब्रजभूमि में रहने लगे और मृत्यु तक वहीं रहे।
रसखान कृष्‍ण का लीला पदों में नहीं, बल्कि सवैयों (हिंदी का एक वार्णिक छंद जिसमें चार पंक्तियाँ होती हैं।) में किया है।

प्रमुख रचनाएँ- सुजान रसखान तथा प्रेमवाटिका

पाठ परिचय— प्रस्‍तुत पाठ हिंदी के लोकप्रिय कवि रसखान द्वारा रचित है। प्रथम पद दोहा और सोरठा में संकलित है और द्वितीय छंद सवैयों में संकलित है। प्रथम पद में कवि राधा-कृष्‍ण के प्रेममय जोड़ी को दिखाया है तथा द्वितीय पद सवैया में कृष्‍ण और उपने ब्रज पर अपना सबकुछ न्‍योछावर करने की बात करते हैं। कवि ब्रज में जीना चाहता है। इसमें कवि ब्रज के प्रति अपना समर्पण व्‍यक्‍त करता है।

प्रथम पद

प्रेम-अयनि श्री राधिका, प्रेम-बरन नँदनंद।
प्रेम-बाटिका के दोऊ, माली-मालिन-द्वन्द्व।।
मोहन छबि रसखानि लखि अब दृग अपने नाहिं।
अँचे आवत धनुस से छूटे सर से जाहिं।।

रसखान कवि कहते हैं कि राधिका प्रेम का खजाना और श्रीकृष्‍ण (नंद के बेटा) प्रेम का रूप है। प्रेम रूपी बाग में दोनों माली-मालीन के जैसे हैं। एक बार श्रीकृष्‍ण का रूप देख लेने के बाद दूसरा रूप देखने का मन नहीं करता है। अर्थात आँखें इन्‍हीं दोनों को देखती रहती है। रसखान ने जब से कृष्‍ण के छवि को देखा है। उसका नयन अपना नहीं है। क्षण भर के लिए आते हैं और जैसे धनुष से बाण छूटता है, उसी प्रकार आते-जाते रहते हैं।

मो मन मानिक लै गयो चितै चोर नँदनंद।
अब बे मन मैं का करूँ परी फेर के फंद।।
प्रीतम नन्दकिशोर, जा दिन तै नैननि लग्यौ।
मन पावन चितचोर, पलक ओट नहिं करि सकौं।

अर्थ— मेने मन को श्रीकृष्ण ने चूरा लिया है। जिसके कारण अब मैं बेमन हो गया हूँ। मेरा मन इच्‍छा रहित हो गया है। मैं श्रीकृष्‍ण के प्रेम की जाल में बुरी तरह फंस गया हूँ। लेखक अ‍पनी अपनी विवशता प्रकट करते हुए कहते हैं कि जिस दिन सें मैंने प्रेमी श्रीकृष्‍ण को देखा हूँ, उसने मेरा मन चुरा लिया है। हर पल कृष्ण एवं राधा की सुदंरता को बिना पलक झपकाए देखते रहते हैं।

द्वितीय छंद

या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर की तजि डारौं।
आठहुँ सिद्धि नवोनिधि को सुख नन्द की गाइ चराई बिसारौं।।

कवि रसखान अपने दिल की अभिलाषा प्रकट करते हुए कहते हैं कि अगर श्रीकृष्‍ण की लाठी और कंबल मिल जाए तो मैं तीनों लोक के राज्‍य का त्‍याग कर दूँगा। अगर केवल नंद बाबा की गाय चराने को मिल जाए, जिसे कृष्‍ण चराते थे तो आठों सिध्दियाँ और नौ निधियों के सुख को भी भूला दूँगा।

रसखानी कबौं इन आँखिन सौं ब्रज के बनबाग तड़ाग निहारौं।
कोटिक रौ कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं।।

कवि का कहना है कि जब से मेरी आँखों ने ब्रज के जंगलों, निकुंजों (वन-वाटिका या फुलवारी या उपवन), तालाबों तथा करील (एक प्रकार की काँटेदार झाड़ी), के सघन कुँजों (झाड़ियों, लताओं आदि से घिरा स्थान; वह जगह जहाँ लताएँ छाई हों) को देखा है, तब से यही इच्‍छा होती है कि ऐसे मनोहर उपवनों की सुन्‍दरता के सामने करोड़ों महल बहुत नीच प्रतीत होते हैं। अर्थात ऐसे कीमती महल को छोड़कर कृष्‍ण जहाँ रासलीला करते थे, वहीं निवास करूँ।

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)—दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. कवि ने स्वयं को बेमन का क्यों कहा है? (2018C)
उत्तर- कवि रसखान का मन मोहन (कृष्‍ण) की छवि में डूब गया है। उस नंद के चहेते वे रसखान के मन को चूरा लिया है, इसलिए कवि अब बिना मन का यानी बेमन हो गया है।

प्रश्न 2. कृष्ण को चोर क्यों कहा गया है? (पाठ्य पुस्तक, 2018A)
उत्तर- कवि कृष्ण और राधा के प्रेम में दिवाना हो गये हैं। उनकी मनमोहक छवि को देखकर मन पूरी तरह से उस युगल में रम जाता है। इसलिए इन्हें लगता है इस देह से मनरूपी मणि को कृष्ण ने चुरा लिया है।

प्रश्न 3.कवि ने माली-मालिन किन्हें और क्यों कहा है?           
अथवा, रसखान ने माली-मलिन किन्हें और क्यों कहा है? (Text Book, 2012A, 2015A, 2015C,2014C)
उत्तर- कवि ने माली-मालिन कृष्ण और राधा को कहा है। क्योंकि, कवि राधा-कृष्ण के प्रेममय युगल को प्रेम-भरे नयन से देखा है। यहाँ प्रेम को वाटिका मानते हैं और उस प्रेम-वाटिका के माली-मालिन कृष्ण-राधा को मानते हैं।

प्रश्न 4. रसखान रचित सवैये का भावार्थ अपने शब्दों में लिखें। (पाठ्य पुस्तक, 2012A,2014C)
उत्तर- रसखान रचित सवैये में ब्रजभूमि के प्रति उनका हार्दिक प्रेम प्रकट होता है। सवैये में उन्होंने कहा है कि ब्रजभूमि की एक-एक वस्तु, स्थान, सरोवर, कँटीली झाड़ियाँ सुखदायक हैं क्योंकि यहाँ भगवान के अवतार श्रीकृष्ण अवतरित हुए।

प्रश्न 5. रसखान के द्वितीय दोहे का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट करें? (पाठ्य पुस्तक)
उत्तर- प्रस्तुत दोहे में सवैये छन्द में भाव के अनुसार भाषा का प्रयोग अत्यन्त मार्मिक है। सम्पूर्ण छन्द में ब्रजभाषा की सरलता, सहजता और मोहकता देखी जा सकती है। कहीं-कहीं तद्भव और तत्सम के सामासिक रूप भी मिल रहे हैं।

Class 10th Hindi Prem ayani shri radhika ka arth

वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न
प्रश्न 1. रसखान के रचनाकाल के समय किसका राज्‍यकाल था ?
(क) अकबर
(ख) हूमायूँ

(ग) जहाँगीर
(घ) औरंजेब

उत्तर- (ग) जहाँगीर

प्रश्न 2. किसने कहा था- मुसलमान हरिजनन पै कोटी हिन्‍दू वारिये ?
(क) निराला
(ख) भारतेन्‍दु हरिशचंद्र

(ग) रामविलास शर्मा
(घ) रामचंद्र शुक्‍ल

उत्तर- (ख) भारतेन्‍दु हरिशचंद्र

प्रश्न 3. रसखन को पुष्टि मार्ग की किसने शिक्षा दी ?
(क) वल्‍लभाचार्य
(ख) गोकुलनाथ

(ग) गोस्‍वामी विट्ठलनाथ
(घ) गोरखनाथ

उत्तर- (ग) गोस्‍वामी विट्ठलनाथ

प्रश्न 4. रसखान दिल्‍ली के बाद कहाँ चले गए ?
(क) बनारस
(ख) ब्रजभूमि

(ग) महरौली
(घ) हस्थिनापुर

उत्तर- (ख) ब्रजभूमि

प्रश्‍न5. डॉ. विजयेन्द्र के अनुसार रसखान की मृत्यु कब हुई?
(a) 1616 ई. में
(b) 1618 ई. में

(c) 1620 ई० में
(d) 1622 ई. में पर

उत्तर-(b) 1618 ई. में

प्रश्‍न6. ‘रसखान’ का जन्म कब हुआ?
(a) 1531 ई. में
(b) 1533 ई. में

(c) 1535 ई० में
(d) 1537 ई. में

उत्तर-(b) 1533 ई. में

प्रश्‍न7. ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता’ के आधार पर रसखान का जन्म कहाँ हुआ था ?
(a) पंजाब
(b) लाहौर

(c) उत्तर प्रदेश
(d) दिल्ली

उत्तर-(d) दिल्ली

प्रश्‍न8. ‘प्रेम अयनि श्री राधिका’ में कितने दोहे संकलित है?
(a) दो
(b) तीन

(c) चार
(d) पाँच

उत्तर-(c) चार

प्रश्‍न9. ‘करील के कुंजन ऊपर वारौं’ के अन्तर्गत कितने सवैया संकलित हैं?
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार

उत्तर-(a) एक

प्रश्‍न10. ‘दानलीला’ मे कितने छन्द संकलित हैं?
(a) नो
(b) ग्यारह
(c) तेरह
(d) पन्द्रह

उत्तर-(b) ग्यारह

प्रश्‍न11. राधा-कृष्ण’ के संवाद को किस पद्य-प्रबंध में संकलित किया गया है?
(a) सुजान रसखान
(b) अष्टयाम

(c) दानलीला
(d) इनमें कोई नहीं

उत्तर-(c) दानलीला

प्रश्‍न12. ‘मालिन-माली’ किसे कहा गया है? 21 (A)
(a) राधा-कृष्ण
(b) सीता-राम

(c) पार्वती-शिव
(d) लक्ष्मी-विष्णु

उत्तर-(a) राधा-कृष्ण

प्रश्‍न13. इस पाठ में ‘चितचोर’ (चोर) किसे कहा गया है? [19 (C)]
(a) राधा को
(b) कृष्ण को
(c) रसखान को
(d) सभी

उत्तर-(b) कृष्ण को

प्रश्‍न14. रसखान किस विषय में सिद्ध थे?
(a) सवैया-छन्द में
(b) धारा काव्‍य में

(c) मुक्तक में
(d) रीतिमुक्त काव्यधारा में

उत्तर-(a) सवैया-छन्द में

प्रश्‍न15. ‘सुजान रसखान’ किनकी रचना है?
(a) सुजान की
(b) रसखान की

(c) मियाजान की
(d) नसीर की

उत्तर-(b) रसखान की

प्रश्‍न16. सवैया एवं छंद के सिद्ध कवि थे:
(a) रसखान
(b) अनामिका

(c) प्रेमघन
(d) जीवनानंद दास

उत्तर-(a) रसखान

प्रश्‍न17. सम्प्रदायमुक्त कृष्णभक्त कवि कौन थे?
(a) रसखान
(b) सुमित्रानंदन पंत

(c) प्रेमघन
(d) वीरेन डंगवाल

उत्तर-(a) रसखान

प्रश्‍न18. ‘रसखान’ की कृति है :.
(a) प्रेम वाटिका
(b) दोहाकोश

(c) मृच्छकटिकम्
(d) पृथ्वीराज रासो

उत्तर-(a) प्रेम वाटिका

प्रश्‍न 19. आधुनिक काल के साहित्यकार हैं:
(a) रसखान
(b) रैदास

(c) विट्ठलनाथ
(d) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

उत्तर- (d) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

प्रश्‍न 20. ‘प्रेम-वरन’ का अर्थ है:
(a) प्रेम का वर्णन करना
(b) प्रेम के रंग
(c) प्रेम की पूजा करना
(d) प्रेम का अंधा होना

उत्तर- (b) प्रेम के रंग

प्रश्‍न 21. ‘माली-मालिन’ कौन-सा समास है ?
(a) द्विगु
(b) अव्ययीभाव

(c) तत्पुरुष
(d) द्वन्द्व

उत्तर- (d)द्वन्द्व

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Filed Under: Class 10th HIndi

Reader Interactions

Comments

  1. Om Kumar says

    July 20, 2023 at 8:12 pm

    Hii sir

    Reply
  2. Prince kumar says

    February 4, 2024 at 8:45 pm

    Hi sir

    Reply

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