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कक्षा 10 भूगोल पाठ 3 प्राकृतिक आपदा एवं प्रबन्‍धन: भूकंप एवं सुनामी | Prakritik aapda evam prabandhan bhukamp evam sunami

January 8, 2023 by Leave a Comment

दिया गया पाठ का नोट्स और हल SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर पूर्ण रूप से आधारित है। इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल के खण्‍ड (ख) के पाठ तीन ‘प्राकृतिक आपदा एवं प्रबन्‍धन: भूकंप एवं सुनामी (Prakritik aapda evam prabandhan bhukamp evam sunami Notes and Solutions)’ के नोट्स और प्रश्‍न-उतर को पढ़ेंगे।

Prakritik aapda evam prabandhan bhukamp evam sunami

3. प्राकृतिक आपदा एवं प्रबन्‍धन: भूकंप एवं सुनामी

भूकंप : पृथ्वी पर जब कभी कोई कंपन होती है तो भूकंप कहलाता है अर्थात दूसरे शब्दों में भूमि के कंपन को भूकंप कहते हैं।

सुनामी : जब समुद्र के तली में भूकम्प होता है, तो जल कई मीटर ऊँचाई तक उछाल लेकर तटीय क्षेत्र में तबाही मचाते हैं। जिसे सुनामी कहते हैं।

भूकंप तथा सुनामी की तीव्रता का मापन रिक्टर स्केल के द्वारा होता है।

भूकंप तथा सुनामी दोनों ही घटनाओं में लाखों लोगों की मृत्यु होती है। भूकंप से भारी बर्बादी होती है। भवनों का गिरना, पूलों का टूट जाना, जमीन में दरार होना, दरारों से गर्म जल के सोते का निकलना, जैसी घटनायें सामान्य रूप से होती है।

सुनामी की लहरें तट पर विनाशलीला लाती है। इसमें भी तट के किनारे आनंद ले रहे पर्यटक, मछुआरे, और नारियल के -षक प्रभावित होते हैं।

भूकंपीय तरंग :

भूकंप के समय उठनेवाले कंपन को मुख्यतः प्राथमिक (P),  द्वितीयक (S), तथा दिर्घ (L) तरंगों में बाँटा जाता है।

P~ तरंग सबसे पहले पृथ्वी पर पहुँचता है।

S अनुप्रस्थ तरंग है और इसकी गति प्राथमिक तरंग से कम होती है।

L~ तरंग की गति सबसे कम होती है। यह धीमी गति के साथ क्षैतिज रूप से चलने के कारण किसी स्थान पर सबसे बाद में पहुँचती है लेकिन यह सबसे अधिक विनाशकारी होती है।

भूकंप से बचाव के उपाय :

भूकंप से बचाव के निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं।

  1. भूकंप का पूर्वानुमान : भूकंपलेखी यंत्र से संभावित बड़े भूकंप का पूर्वानुमान किया जा सकता है। जिससे क्षति को कम किया जा सकता है।
  2. भवन निर्माण : भूकंप से विनाश को ध्यान में रखते हुए भवनों को भूकंप निरोधी तकनीकों के आधार पर बनाना चाहिए।
  3. प्रशासनिक कार्य : भूकंप से होनेवाले बर्बादी को रोकने के लिए प्रशासनिक सर्तकता अति आवश्यक है। जैसे, अग्रिम कंपन के आधार पर भूकंप की संभावना बनती है तो उसे घोषित करने के लिए आधुनिक मीडिया तथा पुलिस और जिला प्रशासन को अधिक सक्रिय रहना चाहिए।
  4. गैर सरकारी संगठनों का सहयोग : भूकंप या किसी भी प्रकार की आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थायें, विद्यालय और आम लोग बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ये तत्काल राहत पहुँचाने में मदद कर सकते हैं। भूकंप से पूर्व लोगों को भूकंप निरोधी भवन निर्माण और भूकंप के समय बचाव हेतु प्रशिक्षित कर सकते हैं।

भूकंप के समय भागने के बदले अपने कमरे के किसी कोने में दिवार के सहारे खड़ा हो जाना चाहिए। क्योंकि वहाँ गिरने वाले मलवे का प्रभाव सबसे कम पड़ता है।

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सुनामी से बचाव के उपाय :

सुनामी का विनाशकारी प्रभाव तटीय प्रदेशों में अधिक होता है। तट के किनारे कई मीटर ऊँचाई तक उठने वाले तरंग मोटरबोट, मछली पकड़ने वाले नाव और तट के किनारे के घरों को नष्ट कर देते हैं।

समुद्र के बीच में स्टेशन/प्लेटफार्म बना कर सुनामी का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है और इससे होने वाले क्षति को कम किया जा सकता है। यह समुद्र के नीचे क्षैतिज हलचलों का अध्ययन कर तट पर संकेत दे सकता है। जिससे लोगों को सावधान होने का समय मिल सकता है। तट के किनारे मछुआरे को तट पर न जाकर गहरे समुद्र में जाने का संदेश दे क्योंकि सुनामी समुद्र के बीच में अवरोधक के अभाव में विनाश नहीं करती है।

तटबंध निर्माण तथा मैंग्रोव झाड़ी का विकास :

सुनामी से होने वाले विनाश को कम करने के लिए कंक्रीट तटबंध बनाने की जरूरत है। तटबंध के किनारे मैंग्रोव वन के विकास कर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण :

सुनामी से बचने के लिए तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण देना चाहिए। सुनामी की सुचना मिलते ही या तो समुद्र की तरफ या स्थलखंड की तरफ तुरंत भागने के लिए तैयार करना, सुनामी जल के स्थिर होने पर बचाव कार्य में लग जाना, घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करना जैसे कार्यों को करना आवश्यक है।

आम लोगों के सहयोग तथा स्वयंसेवी और प्रशासकीय संस्थाओं की भागीदारी से ही भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं से राहत संभव है।

लघु उत्तरीय प्रशन

प्रश्‍न 1. भूकंप के केन्‍द्र एवं अधिकेन्‍द्र के बीच अंतर स्‍पष्‍ट कीजिए ।

उत्तर- भूपटल के नीचे का वह स्‍थल जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है, भूकंप केन्‍द्र कहलाता है ज‍बकि भूपटल पर वे केन्‍द्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है अधिकेन्‍द्र कहलाता है।

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प्रश्‍न 2. भूकंपीय तरंगो से आप क्‍या समझते है? प्रमुख भूकंपीय तरंगो के नाम लिखिए?

उत्तर- भूकंप के दौरान उत्‍पन्‍न होने वाली विभिन्‍न प्रकार के कंपन को भूकंपीय तंरग कहते है। भूकंपीय तंरगो का वेग भिन्‍न-भिन्‍न होता है भूकंप के दौरान उत्‍पन्‍न होने वाली तरंगे निम्‍न है।

(1) प्रा‍थमिक तरंग (p)

(2) द्वितीयक तरंग (S)

(3) दीर्घ तरंग (L)

प्रश्‍न 3. भूकंप और सुनामी के बीच अंतर स्‍पष्‍ट कीजिए ।

उत्तर- ठोस धरातल पर होने वाली कंपन को भूकंप कहते है भूकंप शब्‍द का प्रयोग भूपटल में

उत्‍पन्‍न कम्‍पन्‍न कंपन को सुनामी के नाम से जाना जाता है। भूकंप एवं सुनामी की ऊर्जा तरंग की गहनता का मापन रिक्‍टर स्‍केल के द्वारा किया जाता है।

प्रश्‍न 4. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बताइए।

उत्तर- सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय निम्‍न है।

(1) समुद्र तटीय क्षेत्रो पर वनस्‍पति लगाने का कार्य करना चाहिए।

(2) तटीय क्षेत्रो के समीप रहने वाले लोगो को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ।

(3) समुद्र के नजदीक कंक्रीट तटबंधो का निर्माण करना चाहिए ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. भूकंप क्‍या है? भारत को प्रमुख भूकंप क्षेत्रो में विभाजित करते हुए सभी क्षेत्रो का संक्षिप्‍त विवरण दीजिए?

उत्तर- पृथ्‍वी के आंतरिक भागो में अचानक उत्‍पन्‍न कम्‍पन को भूकंप कहते है भूकंप की तीव्रता को रिक्‍टर स्‍केल पर मापते है भारत में निम्‍न भूकंप क्षेत्रो को वर्गीकृत किया गया है

जोन1- भारत के दक्षिणी पठारी क्षेत्र सम्मिलित है जहाँ भूकंप का खतरा नही के बराबर है।

जोन2- प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानी क्षेत्र आते है, जहाँ भूकंप की तीव्रता कम होती हैा

जोन3- इसके अंतर्गत मुख्‍यत: गंगा-सिन्‍धु मैदान राजस्‍थान तथा उत्तरी गुजरात के कुछ क्षेत्र आते हैा इस क्षेत्र में भूकंप के खतरे की संभावना बनी रहती हैा

जोन4- शिवालिक हिमालय का क्षेत्र पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग, असम घाटी एवं पूर्वोतर क्षेत्र, अंडमान निकोबार जैसे राज्‍य सम्मिलित हैा यह क्षेत्र भूकंप के अधिक खतरनाक क्षेत्रो में आते हैा

जोन5- गुजरात का कच्‍छ प्रदेश, जम्‍मू-कश्‍मीर, हिमालय प्रदेश उतराखण्‍ड के पर्वतीय क्षेत्र सि‍क्किम जैसे राज्‍य सामील है जो भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक क्षेत्र माने जाते हैा

Prakritik aapda evam prabandhan bhukamp evam sunami

प्रश्‍न 2. सुनामी से आप क्या समझते हैं? सुनामी से बचाव के उपायो का उल्लेख कीजिए ?

उत्तर- महासागरो के आंतरिक पृष्ठीय भगो में उत्पन कंपन को सुनामी कहते है। सुनामी एक प्र-तिक आपदा है जो समुंद्र तटीय क्षेत्रो में मानव, जंतु, वनस्पती, मकान, उध्योग इत्यादि को नुकसान पहुँचाते है। सुनमी से बचाव हेतु निम्न उपाय है।

(1. ) समुंद्र तटीय क्षेत्रो में मैंग्रो वनपति को लगाना चाहिए।

(2. ) समुंद्र तटिय क्षेत्रो में कंक्रीट के तटबंध का निमाण करना चाहिए।

(3. ) समुद्री क्षेत्रो के समीप रहने वाले लोगो को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

(4. ) समुद्र तटीय क्षेत्रो में सुनामी का पूर्वानुमान यंत्र के सहारे पहले ही सूचित करना चाहिए।

(5. ) सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनो की मदद से लागो को जागरूक करने का कार्य करना चाहिए।

प्रश्‍न 3. भूकंप एवं सुनामी के विनाशकारी प्रभाव के बचने के उपयो का वर्णन कीजिए।

उत्तर- भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जिसके घटित तथा अधिक मात्रा में जान-माल का नुकसान होता है। अतः इसके बचाव के निम्न उपाय है।

(1. ) भुकंप का पूर्वानुमान से संबंधित यंत्र का विकास कर लोगो को पहले ही सुचित करना चाहिए।

(2. ) भूकंप क्षेत्रो में भूकेप निरोधी मकानो का निमार्ण किया जाना चाहिए।

(3. ) भूकंप के दौरान खुले मैदानी क्षेत्रो में रहना चाहिए।

(4. ) समुद्र तटीय क्षेत्रो में मैंग्रोव वनस्पति को लगाना चाहिए।

(5. ) समुद्र के नजदीक कंक्रीट युक्त तटबंधो का निमार्ण करना चाहिए।

(6. ) लोगो को प्रशिक्षित करने का कार्य सरकार के दृारा करना चाहिए।

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