Bihar Board Class 8 Hindi पीपल (Pipal Class 8th Hindi Solutions) Text Book Questions and Answers
14. पीपल
(गोपालसिंह ‘नेपाली’)
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
पाठ से :
प्रश्न 1. पीपल के पेड़ हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है ?
उत्तर – पीपल हमारे लिए अति उपयोगी है। इस पेड़ से हर क्षण प्राणवायु (ऑक्सीजन) उत्सर्जित होते रहता है जिसे जीव साँस द्वारा ग्रहण करता है। ऑक्सीजन के बिना जीवित रहना कठिन ही नहीं असंभव है। दूसरी बात यह है कि धार्मिक दृष्टि से भी यह पेड़ महत्वपूर्ण है। इस पेड़ की पूजा करके लोग इसके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह पेड़ पशु–पक्षियों की आश्रयस्थली है । पथिक इस पेड़ की शीतल छाया में शांति महसूस करते हैं । पीपल पेड़ की छाल एवं फल का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है। यह पेड़ दीर्घकाल तक जीवन धारण किए रहता है। इसलिए यह पेड़ महत्वपूर्ण एवं उपयोगी दोनों है ।
प्रश्न 2. कैसा वातावरण मिलने पर बुलबुल पंछी गाने लगती है ?
उत्तर – पावस ऋतु में जब वर्षा की फुहार पड़ती है और वर्षा की धार का स्पर्श या पक्षी चहकने लगते है वह चहक सितार की सरगम आवाज की भाँति सुनाई पड़ती हैं। शीतल पवन बहने लगता है तो उसका स्पर्श पाकर पीपल के पत्ते हिलने लगते हैं । पत्ते की रगड़ पानी पड़ने से सर्सर – मर्मर की मधुर आवाज निकालने लगते हैं । ऐसे मनोरम वातावरण में बुलबुल व्यग्र होकर अपनी मधुर तान छेड़ने लगती है। वर्षा जल पाकर सारा वन हरे-हरे पत्तों से लद जाता है। वन की हरियाली, कलकल-छलछल करती बहती नदी तथा पत्तों की सर्सर – मर्मर ध्वनि से गूंजित वातावरण उन्मादक हो जाता है और बुलबुल को गाने के लिए व्यग्र बना देता है ।
प्रश्न 3. वन्य प्रान्त के सौंदर्य का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – कवि ने वन्य प्रांत के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा है कि वन पशु-पक्षी का आश्रय स्थल होता है। पक्षी पेड़ों पर घोसले बनाकर रहते हैं तो कुछ जीव पेड़ों के कोटर में अथवा वन के एकांत स्थान में रहते हैं । वन में विविध प्रकार के पेड़–पौधे होते. हैं। पक्षी पेड़ों के फल खाकर तो पशु हरी-हरी घास खाकर भूख मिटाते हैं। शाम होते ही सारे पक्षी अपने घोंसलों में विश्राम करने लगते हैं तो सारा वन सुनसान एवं शांत मालूम पड़ता है। पौ फटते ही पक्षियों की चहचहाहट से सारा वन प्रांत गूंजित हो उठता है । आकाश में उमड़ते–घुमड़ते बादल देख मोर नाचने लगता है तो चकोर चकोरी एक–दूसरे के वियोग में व्यथित क्रंदन करते रात गुजारते हैं। पेड़ों में लिपटी लत्तियों (वल्लरियों) को देखकर कवि को लगता है कि ये बल्लिरियाँ प्रेमसूत्र में बँधकर एकाकार हो गई हैं । सारा वन्य प्रांत अपने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है ।
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ लिखिए:
(क) ऊपर विस्तृत नभ नील–नील–नीचे वसुधा में नदी झील जामुन, तमाल, इमली, करील–जल से ऊपर उठता मृणाल फुनगी पर खिलता कमल लाल
संकेत : व्याख्या संख्या एक देखें।
(ख) हैं खड़े जहाँ पर शाल, बांस, चौपाये चरते नरम घास निर्झर, सरिता के आस-पास रजनी भर रो-रोकर चकोर कर देता है रे रोज भोर नाचा करते हैं जहाँ मोर ।
संकेत : व्याख्या संख्या चार देखें ।
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