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5. नागरी लिपि सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या | Nagari lipi class 10

July 23, 2022 by Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी के पद्य भाग के पाठ पाँच  नागरी लिपि  ‘नागरी लिपि‘ (Nagari lipi class 10) के व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Nagari lipi class 10

5. नागरी लिपि
लेखक परिचय
लेखक का नाम- गुणाकर मुले
जन्म- 3 जनवरी, 1935 ई0, महाराष्ट्र के अमरावती जिला में
मृत्यु- 16 अक्टूबर, 2009 ई0

इन्होनें अपनी शिक्षा-दीक्षा ग्रामीण परिवेश और माराठी भाषा में पाई। मिडिल स्तर तक मराठी में पढ़ाई करने के बाद ये वर्धा चले गये और वहाँ उन्होनें दो वर्षों तक नौकरी की तथा हिन्दी और अंग्रेजी का अध्ययन किया। इसके बाद इलाहाबाद में गणित विषय से एम0 ए0 किया।

रचनाएँ- अक्षरों की कहानी, भारतः इतिहास और संस्कृति, प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक, सौर मंडल, सूर्य, नक्षत्र लोक, भारतीय लिपियों की कहानी, भारतीय विज्ञान की कहानी आदि ।

पाठ परिचय- प्रस्तुत पाठ गुणाकर मुले की पुस्तक ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ से लिया गया है। इसमें हिन्दी की लिपि नागरी या देवनागरी के ऐतिहासिक रूपरेखा के बारे में बताया गया है। Nagari lipi class 10

पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ ’नागरी लिपि’ गुणाकर मुले के द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने देवनागरी लिपि की उत्पति, विकास एवं व्यवहार पर अपना विचार व्यक्त किया गया है। लेखक का कहना है कि जिस लिपि में यह पुस्तक छपी है, उसे नागरी या देवनागरी लिपि कहते हैं। इस लिपि की टाइप लगभग 250 वर्ष पहले बनी। इसके विकास से अक्षरों में स्थिरता आ गई।

हिन्दी तथा इसकी विविध बोलियाँ, संस्कृत एवं नेपाली आदि इसी लिपि में लिखी जाती है। देवनागरी के संबंध में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि विश्व में संस्कृत एवं प्राकृत की पुस्तकें प्रायः इसी लिपि में छपती है।

देश में बोली जाने वाली भिन्न-भिन्न भाषाएँ तथा बोलियाँ भी इसी लिपि में लिखी जाती है। तमिल, मलयालम, तेलुगु एवं कन्नड़ की लिपियों में भिन्नता दिखाई पड़ती है, लेकिन ये लिपियाँ भी नागरी की तरह ही प्राचीन ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है।

लेखक का कहना है कि नागरी लिपि के आरंभिक लेख हमें दक्षिण भारत से ही मिले हैं। यह लिपि नंदिनागरी लिपि कहलाती थी। दक्षिण भारत में तमिल-मलयालम और तेलुगु-कन्नड़ लिपियों का स्वतंत्र विकास हो रहा है, फिर भी कई शासकों ने नागरी लिपि का प्रयोग किया है। जैसे- ग्यारहवीं सदी में राजराज और राजेन्द्र जैसे प्रतापी चोल राजाओं के सिक्कों पर नागरी अक्षर अंकित है तो बारहवीं सदी में केरल के शासकों के सिक्कों पर “विर केरलस्य’।

इसी प्रकार नौवीं सदी के वरगुण का पलियम ताम्रपत्र नागरी लिपि में है तो ग्यारहवीं सदी में इस्लामी शासन की नींव डालने वाले महमूद गजनवी के चाँदी के सिक्कों पर भी नागरी लिपि के शब्द मिलते हैं।

गजनवी के बाद मुहम्मद गोरी, अलाउदीन खिलजी, शेरशाह आदि शासकों ने भी सिक्कों पर नागरी शब्द खुदवाए। अकबर के सिक्कों पर तो नागरी लिपि में ’रामसीय’ शब्द अंकित है। तात्पर्य है कि नागरी लिपि का प्रचलन ईसा की आठवीं-नौवीं सदी से आरंभ हो गया था।

लेखक ने लिपि के पहचान में कहा है कि ब्राह्मी तथा सिद्धम् लिपि अक्षर तिकोन है जबकि नागरी लिपि के अक्षरों के सिरों पर लकिर की लम्बाई और चौड़ाई एक समान है।

 प्राचीन नागरी लिपि के अक्षर आधुनिक नागरी लिपि से मिलते-जुलते हैं। इस प्रकार दक्षिण भारत में नागरी लिपि के लेख आठवीं सदी से तथा उत्तर भारत में नौवीं सदी से मिलने लग जाते हैं।

अब प्रश्न यह उठता है कि इस नई लिपि को नागरी, देवनागरी तथा नंदिनागरी क्यों कहते हैं ? —नागरी शब्द के उत्पति के संबंध में विद्वानों का मत एक नहीं है। कुछ विद्वानों का मत है कि गुजरात के नागर ब्राह्मण ने इस लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग किया था, इसलिए इसका नाम नागरी पड़ा, किंतु कुछ विद्वानों के मत के अनुसार अन्य नगर तो मात्र नगर है, परन्तु काशी को देवनगरी माना जाता है, इसलिए इसका नाम देवनागरी पड़ा।

अल्बेरूनी के अनुसार 1000 ई० के आसपास नागरी शब्द अस्तित्व में आया। इतना निश्चित है कि नागरी शब्द किसी नगर अथवा शहर से संबंधित है। दूसरी बात यह है कि उत्तर भारत की स्थापत्य-कला की विशेष शैली को ’नागर शैली’ कहा जाता था। यह नागर या नागरी उत्तर भारत के किसी बड़े नगर से संबंध रखता था। उस समय    उत्तर भारत में प्राचीन पटना सबसे बड़ा नगर था। साथ ही गुप्त शासक चन्द्रगुप्त (द्वितीय) ’विक्रमादित्य’ का व्यक्तिगत नाम ’देव’ था, संभव है कि गुप्तों की राजधानी पटना को ’देवनगर कहा गया हो और देवनगर की लिपि होने के कारण देवनागरी नाम दिया गया हो।

अन्ततः लेखक इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि ईसा के आठवीं से ग्यारहवीं सदी तक यह लिपि सार्वदेशिक हो गई थी, इसलिए इसके नामकरण के विषय में कुछ कहना संभव नहीं लगता।

मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति नागरी लिपि में है। धारा नगरी का परमार शासक भोज अपने विद्यानुराग के लिए इतिहास प्रसिद्ध है। 12वीं सदी के बाद भारत के सभी हिंदू शासक तथा कुछ इस्लामी शासकों ने अपने सिक्कों पर नागरी लिपि अंकित किए हैं।

प्रश्न 1.लेखक ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ? (पाठ्य पुस्तक)

उत्तर- लेखक ने गुजराती, बांग्ला और ब्राह्मी लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है।

प्रश्न 2. देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ? (पाठ्य पुस्तक, 2011C,2016A)

उत्तर- देवनागरी लिपि में मुख्यतः गुजराती, नेपाली, मराठी, संस्कृत, प्राकृत और हिन्दी भाषाएँ लिखी जाती हैं।

प्रश्न 3. नागरी लिपि के आरंभिक लेख कहाँ प्राप्त हुए हैं ? उनके विवरण दें।

उत्तर- विद्वानों के अनुसार नागरी लिपि के आरंभिक लेख विंध्य पर्वत के नीचे के दक्कन प्रदेश से प्राप्त हुए हैं।

प्रश्न 4. नागरी लिपि कब एक सार्वदेशिक लिपि थी? (Text Book,2012A,2013C)

उत्तर- ईसा की 8वीं-11वीं सदियों में नागरी लिपि पूरे देश में व्याप्त थी। अतः उस समय यह एक सार्वदेशिक लिपि थी।

प्रश्न 5. उत्तर भारत में किन शासकों के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते हैं? (पाठ्य पुस्तक)

उत्तर- विद्वानों का विचार है कि उत्तर भारत में मिहिरभोज, महेन्द्रपाल आदि गुर्जर प्रतिहार राजाओं के अभिलेख में पहले-पहल नागरी लिपि के लेख प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 6. देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आयी है ? (Text Book,2015A)

उत्तर- करीब दो सदी पहले पहली बार देवनागरी लिपि के टाइप बने और इसमें पुस्तकें छपने लगी। इस प्रकार ही देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता आयी है।

प्रश्न 7.गुर्जर प्रतिहार कौन थे? (Text Book) 

उत्तर- विद्वानों का विचार है कि गुर्जर-प्रतिहार बाहर से भारत आए थे। ईसा की आठवीं सदी के पूवार्द्ध में अवंती प्रदेश में इन्होंने अपना शासन स्थापित किया और बाद में कन्नौज पर भी अधिकार कर लिया था। मिहिरभोज, महेन्द्रपाल आदि प्रख्यात प्रतिहार शासक हुए।

प्रश्न 8. ब्राह्मी और सिद्धम लिपि की तुलना में नागरी लिपि की मुख्य पहचान क्या है? (Text Book)

 उत्तर- गुप्तकाल की ब्राह्मी लिपि तथा उसके बाद की सिद्धम लिपि के अक्षरों के सिरों पर छोटी आड़ी लकीरें या छोटे ठोस तिकोन हैं। लेकिन नागरी लिपि की मुख्य पहचान यह है कि इसके अक्षरों के सिरों पर पूरी लकीरें बन जाती हैं और ये सिरां रेखाएँ उतनी ही लम्बी रहती हैं जितनी की अक्षरों की चौड़ाई होती है।

प्रश्न 9, नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं ? लेखक इस संबंध में क्या बताता है? (Text Book,2013C,2015C)

उत्तर- नागरी नाम की उत्पत्ति तथा इसके अर्थ के बारे में विद्वानों में बड़ा मतभेद है। एक मत के अनुसार गुजरात के नागर ब्राह्मणों ने पहले-पहल नागरी लिपि का इस्तेमाल किया। इसलिए इसका नाम नागरी पड़ा। एक दूसरे मत के अनुसार बाकी नगर सिर्फ नगर है, परन्तु काशी देवनगरी है। इसलिए काशी में प्रयुक्त लिपि का नाम देवनागरी पड़ा ।

प्रश्न 10. नागरी लिपि के साथ-साथ किसका जन्म होता है ? इस संबंध में लेखक क्या जानकारी देता है ? (Text Book)

उत्तर- नागरी लिपि के साथ-साथ अनेक प्रादेशिक भाषाओं ने भी जन्म लिया है। 8वीं-9वीं सदी से आरंभिक हिन्दी का साहित्य मिलने लग जाता है। इसी काल में आर्य भाषा परिवार की आधुनिक भाषाएँ मराठी, बँगला आदि जन्म ले रही थीं।

प्रश्न 11. नंदिनागरी किसे कहते हैं ? किस प्रसंग में लेखक ने उसका उल्लेख किया है? (Text Book)

उत्तर- दक्षिण भारत की यह नागरी लिपि नदिनागरी कहलाती थी। कोंकण के शिलाहार, मान्यखेत के राष्ट्रकूट, देवगिरि के यादव तथा विजयनगर के शासकों के लेख नंदिनागरी लिपि में है। पहले-पहल विजयनगर के राजाओं के लेखों की लिपि को ही नंदिनागरी लिपि नाम दिया गया था।

प्रश्न 12. लेखक ने पटना से नागरी का क्या संबंध बताया है? (2018A)

उत्तर- पादताडितकम् नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहते थे। यह असंभव नहीं कि यह बड़ा नगर प्राचीन गुप्तों की राजधानी पटना को देवनगर चंद्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम देव पर आधारित था। देवनगर की लिपि होने से भारत की प्रमुख लिपि को बाद में देवनागरी नाम दिया गया होगा।

5. नागरी लिपि
प्रश्न 1.केरल के शासको के द्वारा सिक्‍कों पर वीर केरलस्‍य शब्‍द किस लिपि में लिखी गई है ?
(क) नागर लिपि में           
(ख) ब्राहमी लिपि में
(ग) नंदिनागरी लिपि में     
(घ) गुरूमुखी लिपि में

उत्तर- (क) नागर लिपि में

प्रश्न 2.नागरी लिपि र्शीषक निबंध के निबंधकार हैं ?
(क) गुणाकर मुले              
(ख) रामचंद्र शुक्‍ल
(ग) डॉ0 भोलानाथ तिवारी  
(घ) बाबूराम सक्‍सेना

उत्तर- (ग) डॉ0 भोलानाथ तिवारी

प्रश्न 3.ईसा की चौदहवी-पंद्रहवी सदी के विजयनगर के शासको ने अपने लेखों की लिपि को क‍हा है ?
(क) नंदिनागरी   
(ख) देवनागरी
(ग) गुजराती      
(घ) ब्राह्मी लिपि

उत्तर- (क) नंदिनागरी

प्रश्न 4.हिन्‍दी लिखी जाती है ?
(क) देवनागरी लिपि में  
(ख) खरोष्‍ठी लिपि में
(ग) गुजराती लिपि में   
(घ) ब्राहमी लिपि में

उत्तर- (क) देवनागरी लिपि में

प्रश्न 5.विजयनगर के राजाओं के लेखों की लिपि को क्‍या नाम दिया ?Nagari lipi class 10
(क) ब्राहमी लिपि      
(ख) सिद्धम लिपि
(ग) नंदिनागरी लिपि   
(घ) नागरी ‍लि‍पि

उत्तर- (ग) नंदिनागरी लिपि

प्रश्न 6.भारत लिपियों की कहानी किनकी प्रसिद्ध् रचना है ?
(क) गुणाकर मुले   
(ख) नलिन विलोचन शर्मा
(ग) महादेवी वर्मा   
(घ) सुमित्रानन्‍दन पंत

उत्तर- (क) गुणाकर मुले

प्रश्न 7.नागरी लिपि के आरंभिक लेख हमें कहा से मिलते है ?
(क) पूर्वी भारत     
(ख) पश्चिमी भारत
(ग) दक्षिणी भारत 
(घ) उत्तरी भारत

उत्तर- (ग) दक्षिणी भारत

प्रश्न 8.बेतमा दानपत्र किस समय का है ?
(क) 1020    Nagari lipi class 10
(ख) 1021
(ग) 1022     
(घ) 1023

उत्तर- (क) 1020

प्रश्न 9.उत्तर भारत से नागरी लिपि के लेख कब से मिलने लगते हैं ?
(क) आठवी सदी   
(ख) छठी सदी
(ग) नौवी सदी        
(घ) चौथी सदी

उत्तर- (क) आठवीं सदी

प्रश्न 10.निबंध के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले  
(ख) अज्ञेय
(ग) पंत              
(घ) प्रसाद

उत्तर- (क) गुणाकर मुले

प्रश्न 11.तमिल, मलयालम, तेलगू, कन्‍नड़ भाषाएँ  हैं ?
(क) उत्तर भारत की   
(ख) पश्चिम भारत की
(ग) पूर्वी भारत की    
(घ) दक्षिण भारत की

उत्तर- (घ) दक्षिण भारत की

प्रश्न 12.रामायण की रचना किस भाषा में है ? Nagari lipi class 10
(क) संस्‍कृत   
(ख) हिन्‍दी
(ग) उर्दू       
(घ) अंग्रेजी

उत्तर- (क) संस्‍कृत

प्रश्न 13.नागरी लिपि शिर्षक पाठ साहित्‍य की कौन विधा है  ?
(क) साक्षात्‍कार
(ख) निबंध
(ग) भाषण         
(घ) कहानी

उत्तर- (ख) निबंध

प्रश्न 14.दक्षिण भारत की नागरी लिपि क्‍या कहलाती है?
(क) देवनागरी   
(ख) ब्रहमनागरी
(ग) नंदिनागरी  
(घ) विजयनागरी

उत्तर- (ग) नंदिनागरी  

प्रश्न 15.दसवीं-ग्‍यारहवीं सदी में किस रचना ने भारत यूरोप के बीच व्‍यापार संबंध के बारे में बताया है ?
(क) अकबरनामा
(ख) शाहनामा
(ग) पद्मावत        
(घ) रामचरित मानस

उत्तर- (ग) पद्मावत

प्रश्न 16.दक्षिण भारत में द्रविड़ भाषा परिवार की कौन सी भाषा सबसे अधिक प्राचीन है ?
(क) तमिल         
(ख) तेलुगू
(ग) मराठी            
(घ) कन्‍नड़

उत्तर- (क) तमिल

प्रश्न 17.सरहपाद की कृति है ?
(क) दोहाकोश       
(ख) पृथ्‍वीराज रासो
(ग) मृच्‍छकटिकम्   
(घ) मेघदूतम्

उत्तर- (क) दोहाकोश

प्रश्न 18.दोहा-कोश किसकी रचना है ?
(क) सरहपाद         
 (ख) रसखान
(ग) जीवनानंद दास  
(घ) गुरू नानक

उत्तर- (क) सरहपाद

प्रश्न 19.हिन्‍दी के आदि कवि कौन है ?
(क) चंदबरदाई      
(ख) अमिर खुसरो
(ग) बिहारी लाल  
(घ) सरहपाद

उत्तर- (घ) सरहपाद

प्रश्न 20.सूर्य नामक पुस्‍तक किसकी रचना हैं ? Nagari lipi class 10
(क) मैक्‍समूलर    
(ख) बिरजू महाराज
(ग) गुणा‍कर मूले   
(घ) महात्‍मा गॉधी

उत्तर- (ग) गुणा‍कर मूले

प्रश्न 21.नेवारी भाषाएँ किस लिपि में लिखी जाती है ?
(क) देवनागरी   
(ख) खरोष्‍ठी
(ग) शौरसेनी     
(घ) ब्राह्मी

उत्तर- (क) देवनागरी

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Filed Under: Class 10th HIndi

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