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कक्षा 10 हिंदी वर्णिका नगर कहानी का सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या | Nagar Kahani Hindi varnika class 10 solutions Notes

October 24, 2022 by Leave a Comment

इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के कक्षा 10 के हिंदी वर्णिका के पाठ चार (Nagar Kahani Hindi varnika class 10 solutions Notes) ‘नगर‘ कहानी के सारांश तथा सभी प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे, जिसके लेखक ‘सुजाता’ है।

Nagar Kahani Hindi varnika

4. नगर

लेखक- सुजाता
वास्तविक नाम- सुजाता रंगराजन
जन्म- तमिलनाडु के चेन्नई में (3 मई 1935 ई0)
मृत्यु- 27 फरवरी 2008 ई0
हिन्दी अनुवाद- के0 ए0 जमुना
कहानी का स्त्रोत- नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया
यह तमिल साहित्य के एक प्रमुख लेखक थे।

प्रस्तुत कहानी ‘नगर’ व्यंग्य प्रधान कहानी है। इसमें कहानीकार ने नगरीय अव्यवस्था पर कटाक्ष किया है किस प्रकार ग्रामीण भोली-भाली जनता के साथ नगर में उपेक्षा एवं बदसलूकी होती है। यह कहानी एक ऐसी लड़की से संबंधित है, जो आज ही मदुरै आई है। उसकी माँ वल्लिअम्माल अपनी पुत्री पाप्पाति के साथ मदुरै स्थित बड़े अस्पताल के बहिरंग रोगी विभाग के बाहर बरामदे पर बैठी प्रतिक्षा कर रही थी। उसकी पुत्री को बुखार था। गाँव के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र के डॉक्टर ने उसकी जाँच कर उसे एडमिट करवा देने को कहा। वल्लिअम्माल अनपढ़ थी।

Nagar Kahani Hindi varnika

वह इतना भी नहीं जानती थी कि पेसेंट किसे कहते हैं ? फिर भी उसे विभिन्न दफतरों में चिट लेकर जाने को कहा जाता है। डॉक्टर के आदेश की अवहेलना कर उसकी पुत्री को एडमिट नहीं किया जाता है। तंग आकर वह वहाँ से विदा हो जाती है। दुसरे दिन जब बड़े डॉक्टर पाप्पाति को अनुपस्थित देखकर जानकारी लेते हैं तो पता चलता है कि वह वहाँ से विदा हो चुकी है। इससे स्पष्ट होता है कि नगर की व्यवस्था अति अस्त-व्यस्त हो गई है, जहाँ पैसे पर खेल होता है। गरीब एवं ग्रामीण के लिए कोई जगह नहीं है।

मदुरै के एक बड़े अस्पताल में वल्लि अम्माल अपनी लड़की पाप्पति के साथ बहिरंग विभाग के बरामदे में बैठी प्रतिक्षा कर रही थी। पाप्पाति को बुखार था। उसे लेकर गाँव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर गई तो डॉक्टर ने कहा- ‘एक्यूट केस ऑफ मेनिनजाइटिस‘ फिर बारी-बारी से दुसरे डॉक्टरों ने देखा। बड़े डॉक्टर ने एडमिट करने को कहा। वल्लिअम्माल ने बड़े डॉक्टर की ओर दखकर पूछा- ‘बाबुजी बच्ची अच्छी हो जाएगी न ?‘

डॉक्टर ने कहा- ‘पहले एडमिट करवा लें। इस केस को मैं स्वयं दंखुँगा।‘ डॉ0 धनशेखरण श्रीनिवासन को सारी बात समझाकर बड़े डॉक्टर के पिछे दौड़े। श्रीनिवासन ने वल्लिअम्माल से कहा- ये ले । इस चिट को लेकर सिधे चली जाओ। सीढ़ियों के ऊपर कुर्सी पर बैठे सज्जन को देना। बच्ची को लेटी रहने दो।

वल्लिअम्माल चिट लेकर सीधे चली गई। कुर्सी खाली पड़ी थी। थोड़ी देर बाद सज्जन अपने भांजे को भर्ती करा कर लौटे। सब को लाइन लगाने को कहा। आधे घंटे के बाद वल्लिअम्माल से कहा- इस पर डॉक्टर का दस्तखत नहीं है। दस्तखत करवा कर लाओ। फिर वेतन आदि के बारे में पूछकर चिट देकर कहा- इसे लेकर सीधे जाकर बाएँ मुड़ना। तीर का निशान बना होगा। 48 नंबर कमरे में जाना।

वल्लिअम्माल को कुछ समझ में नहीं आया। इधर-उधर घूमकर एक कमरे के पास पहुँची। वहाँ के एक आदमी ने चिट ले ली। कुछ देर बाद पाप्पाति का नाम पढ़कर कहा-

इसे यहाँ क्यों लाई ? ले, इसे लेकर सीधे चली जा। और अपने काम में लग गया। वहाँ बड़ी भीड़ थी। एक आदमी ने चिट रखकर आधे घंटे बाद नाम पुकार कर कहा- इस समय जगह नहीं है। कल सवेरे साढ़े सात बजे आना।

Nagar Kahani Hindi varnika

वल्लिअम्माल भागी चक्कर काटकर सीढ़ी के पास पहुँची। बगल का दरवाजा बंद था। इसी में उसकी बेटी स्ट्रेचर पर पड़ी दिखाई दी। पास वाले आदमी से गिड़गिड़ा कर बोली- दरवाजा खोलिए। मेरी बेटी अंदर है। उसने कहा सब बंद हो चुका है, तीन बजे आना। इसी बीच एक आदमी ने कुछ पैसे देकर दरवाजा खुलवाया। वल्लि अम्माल भीतर दौड़ी गई और पाप्पाति को कलेजे से लगाए बाहर आई। फिर बेंच पर बैठकर खुब रोई। इसे समझ में नहीं आ रहा था कि अगले सुबह तक क्या करें ? फिर सोचा इसे मामुली बुखार ही तो है। वापस चलती हुँ। वैद्य जी को दिखा दुँगी। माथे पर खड़िया मिट्टी का लेप कर दुँगी और अगर पाप्पाति ठिक हो गई तो वैदीश्वरण जी के मंदिर जाकर भगवान को भेंट चढाऊँगी। वल्लिअम्माल का साईकिल रिक्शा बस अड्डे की ओर बढ़ चला।

कक्षा 10 हिंदी के सभी पाठों के नोट्स पढ़ने के लिए क्लिक करें।

लघु उत्तरीय प्रश्‍नोत्तर

प्रश्न 1. लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा? शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।

उत्तर- प्रस्तुत कहानी में नगरीय व्यवस्था का चित्रण किया गया है। एक रोगी जो ईलाज के लिए गाँव से नगर आता है किन्तु अस्पताल प्रशासन उसका टोलमटोल कर देता है। उसकी भर्ती नहीं हो पाती है। नगरीय व्यवस्था से क्षुब्ध होकर ही इस कहानी का शीर्षक ‘नगरे’ रखा गया है।

वर्तमान परिस्थिति में नगरीय जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी आदि खाना पूर्ति कर अपने जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं। अनपढ़ गंवार बल्लि अम्माल नाम की एक विधवा अपनी पुत्री के इलाज के लिए नगर के एक बड़े अस्पताल में आती है। अस्पताल के वरीय चिकित्सक उस रोगी को भर्ती करने का आदेश देते हैं। किन्तु कर्मचारीगण अनदेखी कर देते हैं। वल्लि अम्माल इधर-उधर चक्कर काटती है कि उसकी बेटी का इलाज सही तरीके से हो जाये। कर्मचारियों द्वारा सुबह 7:30 बजे आने की बात पर वलिल अम्माल अपनी बेटी को लेकर अस्पताल से निकल जाती है।

प्रश्न 2. पाप्पाती कौन थी और वह शहर क्यों लायी गयी थी?

उत्तर-पाप्‍पाति तमिलनाडु के एक गाँव की महिला वल्लि अम्माल की बेटी थी। उसे बुखार आ गया। जब वल्लि अम्माल उसे लेकर गांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में दिखाने गई तो वहाँ के डॉक्टर ने अगले दिन सुबह ही जाकर नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने को कहा। बस वह पाप्पाति को लेकर सुबह की बस से नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने पहुंच गई।

Nagar Kahani Hindi varnika

प्रश्न 3. बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए क्यों कहा? विचार करें।

उत्तर- बड़े डॉक्टर ने पाप्पाति की सावधानी से जाँच की। पलकें उठाकर आँखं देखीं। सिर को घुमा कर देखा, उँगली गाल में गड़ाई। खोपड़ी को अपनी उँगलियों से ठोक-ठोक कर देखा। विदेश से पढ़कर आए थे। अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से कहा कि कह दीजिए इसे एडमिट कर लें। इस केस को मैं स्वयं देखूगा। दरअसल, मेनेनजाइटिस में रोगी की संज्ञा प्रायः चली जाती है। इसीलिए डॉक्टर ने एडमिट करने को कहा। अस्पताल के बाहर ऐसे रोगी का इलाज होना कठिन होता है।

प्रश्न 4. बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाती?

उत्तर- नगर के बड़े अस्पताल के बड़े डॉक्टर के बावजूद एक्यूट मेनेनजाइटिस से ग्रस्त पाप्पाति अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकी इसका कारण सरकारी अस्पताल में व्याप्त टालू प्रवृत्ति, कर्तव्यहीनता, सामान्य व्यक्ति के प्रति सरकारी कर्मचारियों का उपेक्षापूर्ण रवैया और भ्रष्टाचार है। डॉक्टर के चिट देने के बावजूद प्रभारी देर से काम पर लौटा और कहा कि डॉक्टर का दस्तखत नहीं है।

दूसरी जगह के आदमी ने चिट लेने के आधे घंटे बाद कहा कि यहाँ क्यों लाई ? लोगों नं बल्लि अम्माल को सही रास्ता नहीं बताया। किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि यह शहर और अस्पताल की स्थिति से परिचित नहीं है और यह जानने का कष्ट भी नहीं किया कि इसकी बेटी को गंभीर बीमारी है या यों ही। एक कर्मचारी ने यह कहकर टरका दिया कि आज जगह नहीं है, कल आना और खोज पूछ होने पर कहा कि यदि बड़े डॉक्टर इंटरेस्टेड हैं, तो यह बताना चाहिए। एक ने यह कहा कि दरवाजा नहीं खुलेगा, जबकि घूस पाकर दरवाजा खोल दिया। और तो और अधीनस्थ डॉक्टर ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भी स्वयं भर्ती की, पहल नहीं की सिर्फ चिट देकर चलता कर दिया।

प्रश्न 5. वल्लि अम्माल का चरित्र-चित्रण करें।

उत्तर- वल्लि अम्माल-नगर शीर्षक कहानी का केन्द्रीय चरित्र है। वह एक विधवा नारी है जो बीमार बेटी को ईलाज कराने के लिए गाँव से नगर ले आती है। वह पढ़ी-लिखी नहीं है। अस्पताल में उसकी बेटी भर्ती नहीं हो पाती है। बीमार बेटी से चिन्तित वल्लि अम्माल अंधविश्वास में डूब जाती है। उसे लगता है कि बेटी को केवल बुखार है। उसकी आस्था डॉक्टरी में नहीं झाड़-फूंक में है। बेटी को ठीक होने के लिए भगवान से मानते माँगने लाती है। उसे विश्वास है कि ओझा से झाड़-फूंक करवाने पर उसकी बेटी ठीक हो जायेगी। अशिक्षा अंधविश्वास को बढ़ावा देती है। यहाँ वल्लि अम्माल के व्यवहार से सिद्ध हो जाती है।

प्रश्न 6. कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- प्रस्तुत कहानी सुजाता द्वारा रचित है। इसमें कहानीकार नगरीय व्यवस्था को यथार्थ के धरातल पर लाने का अथक प्रयास किया है। इस कहानी की नायिका वल्लि अम्माल अपनी बेटी पाप्पति को ईलाज कराने के लिए गाँव से नगर आता है। यह नगर छोटा नहीं बल्कि अपने आप में अस्तित्व रखता है। मदुरै कभी पांडिय लोगों की ‘राजधानी’ थी। अंग्रेजों द्वारा मदुरा यूनानी लोगों द्वारा मेदोरो और तमिल लोगों का द्वारा मदुरै कहा जाता है।

नगर के चकाचौंध से प्रभावित अस्पताल के कर्मचारी ठीक ढंग से काम नहीं करते हैं। वे केवल खानापूर्ति में लगे रहते हैं। वरीय चिकित्सक के आदेश के बावजूद भी पाप्पाति अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाती है। हताश और विवश वल्लि अम्माल अंधविश्वास के शरण में चली जाती है। नगर से उसका विश्वास उठ जाता है। ओझा से झाड़-फूंक कराकर अपनी बेटी को स्वस्थ रखना चाहती है। वस्तुतः इस कहानी के द्वारा नगरीय व्यवस्था के साथ-साथ मानवीय मूल्यों के शासकों को उद्घाटित किया गया है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न—Objective Questions

प्रश्न 1. ‘नगर’ कहानी के कथाकार हैं—
(क) साँवर दइया
(ख) सुजाता

(ग) ईश्वर पेटलीकर
(घ) श्री निवास

उत्तर- (ख) सुजाता

Nagar Kahani Hindi varnika

प्रश्न 2. कहानीकार सुजाता का असली नाम है
(क) श्री निवास
(ख) महादेवी वर्मा

(ग) सातकोड़ी होता
(घ) एस. रंगराजन

उत्तर- (घ) एस. रंगराजन

प्रश्न 3. सुजाता कथाकार हैं—
(क) कन्नड़
(ख) गुजराती
(ग) उड़िया
(घ) तमिल

उत्तर- (घ) तमिल

प्रश्न 4. बल्लि अम्मला नहीं जानती थी ?
(क) पढ़ना
(ख) बोलना

(ग) खेलना
(घ) लड़ना

उत्तर-(क) पढ़ना

Nagar Kahani Hindi varnika

प्रश्न 5. पहले दिन पाप्‍पाति को था—
(क) सिर दर्द
(ख) जुकाम

(ग) बुखार
(घ) कै-दस्त

उत्तर-(ग) बुखार

प्रश्न 6. इस चिट पर ………….. के दस्तखत नहीं हैं ?
(क) वल्लि अम्माल
(ख) डॉक्टर
(ग) बुखार
(घ) कै-दस्त

उत्तर- (ख) डॉक्टर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. बड़े अस्पताल के डॉक्टर ने पाप्‍पाति को किस रोग से ग्रस्त बताया ?
उत्तर- बड़े अस्पताल के डॉक्टर ने पाप्‍पाति को मेनिनजाइटिस का रोगी बताया।

प्रश्न 2. सुजाता किस भाषा की कथाकार हैं ?
उत्तर- सुजाता तमिल की चर्चित कथाकार हैं।

प्रश्न 3. वल्लि अम्माल मदुरै के बड़े अस्पताल में क्यों गई थी?
उत्तर- वल्लि अम्माल अपनी बेटी पाप्पाति को दिखाने के लिए मदुरै के बड़े अस्पताल गई थी। गाँव के डॉक्टर ने उससे यही कहा था।

प्रश्न 4. अस्पताल के आदमी ने वल्लि अम्माल को चिट क्यों लौटा दिया।
उत्तर- अस्पताल में आदमी ने वल्लि अम्माल को यह कहकर चिट लौटा दिया कि इसपर डॉक्टर के दस्तखत नहीं हैं।

प्रश्न 5. भर्ती वाली जगह के आदमी ने वल्लि अम्माल से क्या कहा?
उत्तर- भर्ती वाली जगह के आदमी ने वल्लि अम्माल से कहा कि अभी जगह नहीं है। कल सबेरे साढ़े सात बजे आना।

प्रश्न 6. बड़े अस्पताल का डॉक्टर कैसा आदमी था ?
उत्तर- बड़े अस्पताल का डॉक्टर पेशे से कुशल और भला आदमी था। वह पाष्पाति को भर्ती कर उसका इलाज करना चाहता था किंतु भ्रष्टाचारियों के आगे उसकी एक न चली।

कक्षा 10 संस्‍कृत नोट्स पढ़ने के लिए क्लिक करें। 

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Filed Under: Class 10th HIndi

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