5. खाद्य संसाधन-पौधे
हर जीवित प्राणी के जैविक क्रियाओं के संचालन के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। इस पाठ में हमलोग मुख्य रूप से फसल के बारे में अध्ययन करेंगे।
फसल- एक ही प्रकार के पौधों को जब बड़े पैमाने पर उगाया जाता है, तो उसे फसल कहते हैं।
Khad Sansadhan Paudhe Class 9th Notes in Hindi
भारत में मौसम के आधार पर फसल तीन प्रकार के होते हैं-
1. खरीफ फसल- ऐसी फसलें, जिन्हें हम वर्षा ऋतु में उगाते हैं, खरीफ फसल कहलाती है। जैसे- धान, ज्वार, बाजरा, मकई, कपास, ईख, सोयाबीन, मूँगफली आदि।
2. रबी फसल- जो फसलें शीतऋतु में उगाई जाती है, उसे रबी फसल कहते हैं। जैसे- गेहूँ, चना, तीसी, मटर, सरसों, आलू अलसी आदि।
3. ग्रीष्म फसल- जिन फसलों की बुआई मार्च से जून के बीच गर्मी के महीनों में की जाती है। उसे ग्रीष्म फसल कहते हैं। जैसे- धान, मकई, आलु, कद्दु, नेनुआ, खीरा, ककड़ी, खरबुजा, तरबुजा आदि।
कार्बनिक खेती- खेती की वह पद्धति जिसमें रासायनिक उर्वरकों, पीड़कनाशकों तथा अन्य रसायनों का उपयोग कम-से-कम या बिलकुल नहीं कर कार्बनिक पदार्थों का उपयोग हो, कार्बनिक खेती कहलाती है।
इस प्रकार की खेती में पेड़-पौधों की अवशिष्ट, जानवरों के मल-मूत्र, कृषि अवशिष्ट आदि कार्बनिक पदार्थों के अपघटन द्वारा मृदा की उर्वरता बढ़ाई जाती है।
सिंचाई- खेतों में जल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सिंचाई कहते हैं।
हमारे देश में सिंचाई के प्रमुख साधनों में कुआँ, तालाब, झीलें, नदियाँ, नहरें आदि हैं।
मिश्रित फसल उत्पादन- वैसी कृषि पद्धति, जिसमें एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन साथ-साथ किया जाता है, उसे मिश्रित फसल उत्पादन कहते हैं।
इसमें एक ही भूखंड पर दो या दो से अधिक फसलों को साथ-साथ उगाया जाता है। जैसे गेहूँ और सरसों, मूँगफली और सूर्यमुखी, गेहूँ और चना, मकई और उर्दबीन, सोयाबीन और अरहर आदि।
अंतरफसल उत्पादन- इस प्रकार की कृषि पद्धति में दो या दो से अधिक फसलों को एक निश्चित पैटर्न में उगाया जाता है। अंतरफसल उत्पादन मिश्रित फसल उत्पादन का ही बदला रूप है।
फसल-चक्रण- एक ही भूखंड पर बदल-बदलकर फसल उगाने की प्रणाली को फसल-चक्रण कहते हैं।
खरपतवार- वैसे अवांछित पौधे, जो उगाये जानेवाले पौधों के साथ स्वयं उग जाते हैं, उसे खरपतवार कहते हैं। जैसे- चौलाई, बथुआ, हिरनखुरी, घास-दूब, गाजर घास, मोथा आदि।
निराई या वीडिंग- खेतों से खरपतवारों को हटाने की प्रक्रिया को निराई कहते हैं।
खरपतवारनाशी- खरपतवारों को विनाश करनेवाले रसायनों को खरपतवारनाशी कहते हैं। जैसे- 2,4 D
पीड़कनाशी- वैसे रसायन जो कीटों को नाश करते हैं, उसे पीड़कनाशी कहते हैं। जैसे- डी.डी.टी
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