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8. जित-जित मैं निरखत हूँ सम्‍पूर्ण व्‍याख्‍या | Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi

August 12, 2022 by Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी के पद्य भाग के पाठ आठ ‘जित-जित मैं निरखत हूँ‘ (Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi) के व्‍याख्‍या को पढ़ेंगे।

Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi

8. जित-जित मैं निरखत हूँ
(पंडित बिरजू महाराज से एक साक्षात्कार)
लेखक परिचय
लेखक का नाम- पंडित बिरजू महाराज
जन्म-4 फरवरी 1938 ई0, लखनऊ
यह अपने माता-पिता के अंतिम संतान थे। तीन बहनों के लम्बे अंतराल के बाद इनका जन्म हुआ था।

पाठ परिचय- प्रस्तुत पाठ ‘जित-जित मैं निरखत हुँ’  पंडित बिरजू महाराज की शिष्या रश्मि वाजपेयी से हुई बातचीत का संपादित अंश है।

पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ “जित-जित मैं निरखत हूँ” में साक्षात्कार के माध्यम से पंडित बिरजू महाराज की जीवनी, उनका कला-प्रेम तथा नृत्यकला के क्षेत्र में उनकी महान उपलब्धि पर प्रकाश डाला गया है।

बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी,1938 ई० को लखनऊ के जफरीन अस्पताल में हुआ था । ये अपने माता-पिता के अंतिम संतान थे। इनका जन्म तीन बहनों के लम्बे अंतराल के बाद हुआ था। इनके जन्म के समय इनके माता की उम्र 28 वर्ष के करीब थी तथा बड़ी बहन 15 साल की थी। इनके पिता प्रख्यात नर्तक थे। इन्हें नृत्यकला विरासत में मिली थी। ये अपने पिताजी के साथ रामपुर के नवाब के दरबार में नृत्य-कार्यक्रम में जाया करते थे।

छः साल के उम्र में ही बिरजूजी नवाब साहब के प्रिय हो गये। इसलिए इन्हें अपने पिता के साथ वहाँ जाना पड़ता था तथा नाचना पड़ता था। इतनी कम उम्र में ही इनकी तनख्वाह निश्चित कर दी गई थी। इस नौकरी से छुट्टी पाने की इच्छा प्रकट की तो नवाब साहब ने फरमान जारी कर दिया कि यदि लड़का नहीं रहेगा तो पिता को भी नौकरी से हटा दिया जायेगा। Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi

इस आदेश से पिताजी ने खुश होकर हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाया– तथा मिठाइयाँ भी बाँटी।

बिरजू महारज कहते हैं कि उन्हें नृत्य कला की तालीम कुछ क्लास में, कुछ लोगों द्वारा कहते, सुनते तथा देखकर सिखा। इसके साथ ही जहाँ-  जहाँ पिताजी जाते थे, उनके साथ जाया करता था और कार्यक्रम में भाग लेता था।

पिता की मृत्यु 54 साल की उम्र में लु लगने के कारण हो गई। वे सहनशील व्यक्ति थे। अपना दुःख किसी को कहना पसंद नहीं करते थे। वे अतिप्रिय व्यक्ति थे।

पिता की मृत्यु के बाद माँ को दुःखी देखकर उदास रहने लगा, क्योंकि उनके मरते ही खराब दीन शुरु हो गये। भोजन-वस्त्र का घोर अभाव हो गया। शम्भू चाचा के शौकिया मिजाज के कारण कर्ज में डुब गये। उसी समय चाचा जी के दो बच्चों की मृत्यु भी हो गई। बच्चों की इस मृत्यु से हताश होकर वे अम्मा को डाइन कहने लगे। इसलिए मैं माँ को लेकर नेपाल चला गया। इसके बाद मुजफ्फरपुर गया।  फिर अम्मा बाँस बरेली इसलिए ले गई कि वहाँ नाचेगा तो इनाम मिलेगा।

ऐसी हालत में आर्यानगर में 50 रुपये के दो ट्यूशन की। इस प्रकार 50 रुपये में काम करके किसी तरह पढ़ता रहा। सीताराम नामक लड़के को डांस सिखाता और वह उन्हें पढ़ा देता था। अर्थाभाव में ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाई। नौकरी भी नहीं मिलती थी। पिताजी के समय से ही चाचाजी अलग रहते थे। दादी के साथ उनका अच्छा व्यवहार नहीं था। Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi

चौदह साल की उम्र में पुनः लखनऊ आ गया और कपिला जी के सहयोग से संगीत भारती में काम करना आरंभ कर दिया। वहाँ निर्मला जी से मुलाकात हुई। उन्होनें कथक डांस करने की सलाह दी। मैंने नौकरी छोड़कर भारतीय कला मंदिर में क्लास करने लगा। वहाँ पूरे मन से तालीम सिखी। मेरी तालीम देखकर महाराज की तरफ वहाँ की लड़कीयाँ आकर्षित होने लगी।

ऑल बंगाल म्यूजिक कांफ्रेंस, कलकत्ता के नाच मेरे भाग्योदय की। वहाँ काफी प्रसंशा मिली। तमाम अखबारों ने मेरे कार्यक्रम की प्रसंशा की। ईश्वर की कृपा से कलकत्ता, बम्बई, मद्रास सभी जगह मेरी इज्जत होने लगी।

27 साल की उम्र में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला। मैं जर्मनी, जापान, हांगकांग, लाओस, बर्मा की यात्रा की, लेकिन एक बार अमेरिका में दो-चार जगह कार्यक्रम प्रस्तुत किया तो एक जगह वहाँ हाँफते हुए एक आदमी ने मेरे पास आया। मैंने कहा- मेरे साथ फोटो खिंचाना है क्या तुम्हें ? यस-यस अब लड़का बेहाल हो गया। इस प्रकार पाकिस्तान में कोई खातून थीं पूरे हॉल में उनकी आवाज आई सुब्हान अल्लाह। मतलब मेरे नाच के आशिक बहुत हैं। मेरे आशिक भी हैं।

बिरजू महाराज कहते हैं कि मुझे ऊँचाई तक ले जाने में अम्मा का बहुत बड़ा हाथ है। वहीं बुजुर्गों की तारीफ करके मुझे उत्साहित करती थीं। वहीं वाकई में गुरु और माँ थी।

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय

प्रश्न 1. बिरजू महाराज कौन-कौन से वाद्य बजाते थे? (Text Book)

उत्तर-बिरजू महाराज सितार, गिटार, हारमोनियम, बाँसुरी इत्यादि वाद्य यंत्र बजाते थे।

प्रश्न 2. किनके साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला? (Text Book)

उत्तर- शम्भू महाराज चाचाजी एवं बाबूजी के साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला।

प्रश्न 3. लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है? (पाठ्य पुस्तक, 2012A)

उत्तर- बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ में हुआ था । रामपुर में महाराज जी का अत्यधिक समय व्यतीत हुआ था एवं वहाँ विकास का सुअवसर मिला था।

प्रश्न 4. नृत्य की शिक्षा के लिए पहले-पहल बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहाँ किनके संपर्क में आए? (पाठ्य पुस्तक)

उत्तर- नृत्य की शिक्षा के लिए पहले-पहल बिरजू महाराज जी दिल्ली में हिन्दुस्तानी डान्स म्यूजिक से जुड़े और वहाँ निर्मला जी जोशी के संपर्क में आए।

प्रश्न 5. कलकत्ते के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? (पाठ्य पुस्तक,2013C)

उत्तर- कलकत्ते के एक कांफ्रेंस में महाराज जी नाचे। उस नाच की कलकत्ते की ऑडियन्स ने प्रशंसा की। तमाम अखबारों में छा गये। वहाँ से इनके जीवन में एक मोड़ आया। उस समय से निरंतर आगे बढ़ते गये।

प्रश्न 6. बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे? अथवा, बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी माँ को क्यों मानते थे? (Text Book,2018A)

उत्तर- बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी अम्मा को मानते थे। जब वे नाचते थे और अम्मा देखती थी तब वे अम्मा से अपनी कमी या अच्छाई के बारे में पूछा करते थे। उसने बाबूजी से तुलना करके इनमें निखार लाने का काम किया।

7. संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी? (Text Book)

उत्तर- संगीत भारती में प्रारंभ में 250 रु० मिलते थे। उस समय दरियागंज में रहते थे। वहाँ से प्रत्येक दिन पाँच या नौ नंबर का बस पकड़कर संगीत भारती पहुँचते थे। संगीत भारती में इन्हें प्रदर्शन का अवसर कम मिलता था। अंततः दुःखी होकर नौकरी छोड़ दी।

प्रश्न 8. अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते हैं? (Text Book)

उत्तर- बिरजू महाराज की शादी 18 साल की उम्र में हुई थी। उस समय विवाह करना महाराज अपनी गलती मानते हैं। लेकिन बाबूजी की मृत्यु के बाद माँ घबराकर जल्दी में शादी कर दी। शादी को नुकसानदेह मानते हैं। विवाह की वजह से नौकरी करते रहे।

प्रश्न 9. बिरजू महाराज के गुरु कौन थे? उनका संक्षिप्त परिचय दें। (Text Book,2013A,2014A)

उत्तर- बिरजू महाराज के गुरु उनके बाबूजी थे। वे अच्छे स्वभाव के थे। वे अपने दुःख को व्यक्त नहीं करते थे। उन्हें कला से बेहद प्रेम था। जब बिरजू महाराज साढ़े नौ साल के थे, उसी समय बाबूजी की मृत्यु हो गई। महाराज को तालीम बाबूजी ने ही दिया।

प्रश्न 10. शम्भू महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए। ((Text Book, 2013C)

उत्तर- शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज बचपन में नाचा करते थे। आगे भारतीय कला केन्द्र में उनका सान्निध्य मिला। शम्भू महाराज के साथ सहायक रहकर कला के क्षेत्र में विकास किया। शम्भू महाराज उनके चाचा थे। बचपन से महाराज को उनका मार्गदर्शन मिला।

प्रश्न 11. बिरजू महाराज की कला के बारे में आप क्या जानते हैं? (2016C)

उत्तर- बिरजू महाराज नृत्य की कला में माहिर थे। वे नाचने की कला के मर्मज्ञ थे। बचपन से नाचने का अभ्यास करते थे और कला का सम्मान करते थे। इसलिए, उनका नृत्य देशभर में सम्मानित था। वे सिर्फ कमाई के लिए नृत्य नहीं करते थे बल्कि कला-प्रदर्शन उनका सही लक्ष्य था।

प्रश्न 12. रामपुर के नवाब की नौकरी छुटने पर हनुमान जी को प्रसाद क्यों चढ़ाया? (Text Book)

उत्तर- रामपुर के नवाब की नौकरी छुटने पर हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाया क्योंकि महाराज जी छह साल की उम्र में नवाब साहब के यहाँ नाचते थे। अम्मा परेशान थी। बाबूजी नौकरी छूटने के लिए हनुमान जी का प्रसाद माँगते थे। नौकरी से जान छुटी इसलिए हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाया गया।

प्रश्न 13. बिरजू महाराज की अपने शार्गिदों के बारे में क्या राय है? (Text Book2014A)

उत्तर- बिरजू महाराज अपने शिष्या रश्मि वाजपेयी को भी अपना शार्गिद बताते हैं। वे उन्हें शाश्वती कहते हैं। इसके साथ ही वैरोनिक, फिलिप, मेक्लीन, टॉक, तीरथ प्रताप, प्रदीप, दुर्गा इत्यादि को प्रमुख शार्गिद बताए हैं। वे लोग तरक्की कर रहे हैं, प्रगतिशील बने हुए हैं, इसकी भी चर्चा किये हैं।

प्रश्न 14. पुराने और आज के नर्तकों के बीच बिरजू महाराज क्या फर्क पाते हैं? (पाठ्य पुस्तक)

उत्तर- पुराने नर्तक कला प्रदर्शन करते थे। कला प्रदर्शन शौक था। साधन के अभाव में भी उत्साह होता था। कम जगह में गलीचे पर गड्ढा, खाँचा इत्यादि होने के बावजूद बेपरवाह होकर कला प्रदर्शन करते थे। लेकिन आज के कलाकार मंच की छोटी-छोटी गलतियों को ढूँढ़ते हैं। चर्चा का विषय बनाते हैं।

प्रश्न 15. बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुःखद समय कब आया? उससे संबंधित प्रसंग का वर्णन कीजिए। (पाठ्य पुस्तक)

उत्तर- जब महाराज जी के बाबूजी की मृत्यु हुई तब उनके लिए बहुत दुखदायी समय व्यतीत हुआ। घर में इतना भी पैसा नहीं था कि दसवाँ किया जा सके। इन्होंने दस दिन के अन्दर दो प्रोग्राम किए। उन दो प्रोग्राम से 500 रु० इकट्ठे हुए तब दसवाँ और तेरह की गई। ऐसी हालत में नाचना एवं पैसा इकट्ठा करना महाराजजी के जीवन में दुःखद समय आया ।।

8. जित-जित मैं निरखत हुँ
प्रश्न 1.बिरजू कितने साल के थे, जब उनकी पिताजी की मृत्‍यु हुई थी?
(क) आठ   
(ख) साढ़े नौ 
(ग) दस   
(घ) साढ़े दस

उत्तर- (ख) साढ़े नौ

प्रश्न 2.बिरजू ने अपने पिता के साथ आखरी प्रोग्राम कहाँ किया था?
(क) मैनपूरी में   
(ख) जोधपूर में
(ग) जौनपूर में     
(घ) उदयपूर में

उत्तर- (क) मैनपूरी में

प्रश्न 3.जब पंडित बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड मिला तब उनकी उम्र क्या थी?
(क) 27 वर्ष  
(ख) 26 वर्ष
(ग) 25 वर्ष   
(घ) 24 वर्ष

उत्तर- (क) 27 वर्ष

प्रश्न 4.बिरजू महाराज की ख्‍याति किस रूप में है? Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi
(क) शहनाई वादक 
(ख) नर्तक
(ग) संगीतकार       
(घ) तबलावादक

उत्तर- (क) शहनाई वादक

प्रश्न 5.बिरजू महाराज किस शैली का नर्तक हैं?
(क) कथक       
(ख) मणिपूरी
(ग) कुच्‍चीपूरी  
(घ) कारबा

उत्तर- (क) कथक

प्रश्न 6.बिरजू महाराज का संबंध किस घराने से है?
(क) लखनउ  
(ख) डुमराव
(ग) बनारस    
(घ) इनमें कोई नहीं

उत्तर- (क) लखनउ

प्रश्न 7.पंडित बिरजू महाराज का जन्‍म कब हुआ था?
(क) 4 जनवरी 1938  
(ख) 4 फरवरी 1938
(ग) 4 मार्च 1938       
(घ) 4 अप्रैल 1938

उत्तर- (ख) 4 फरवरी 1938

प्रश्न 8.बिरजू महाराज का संबंध है-?
(क) बाँसुरी वादन से 
(ख) सितार वादन से
(ग) तबला वादन से  
(घ) कत्थक नृत्‍य से

उत्तर- (ग) तबला वादन से

प्रश्न 9.इबादत का अर्थ है?
(क) उपासना  
(ख) इठलाना
(ग) ईंट          
(घ) खाना खाना

उत्तर-(क) उपासना

प्रश्न 10.पंडित बिरजू महाराज लखनऊ घराने के किस पीढ़ी के कलाकार थे?
(क) छठी   
(ख) सातवीं
(ग) नौवीं   
(घ) आठवीं

उत्तर-(ख) सातवीं

प्रश्न 11.बिरजू महाराज के चाचा का क्‍या नाम था?
(क) संभु महाराज 
(ख) गोदई महाराज
(ग) श्री महाराज   
(घ) विष्‍णु महाराज

उत्तर-(क) संभु महाराज

प्रश्न 12.शंभु महाराज बिरजू महाराज के कौन थे?
(क) मौसा  
(ख) पिता   
(ग) चाचा   
(घ) मामा

उत्तर-(ग) चाचा

प्रश्न 13.बिरजू महाराज ने ठुमरियाँ किससे सीखीं? Jit Jit main nirkhat hun class 10 Hindi
(क) अम्‍मा से  
(ख) बाबुजी से
(ग) चाचा से   
(घ) मामा से

उत्तर-(क) अम्‍मा से

प्रश्न 14.बिरजू महाराज ने कितने प्रोग्राम करके बाबुजी की दसवीं और 13वीं करवाई?
(क) दो     
(ख) तीन    
(ग) चार   
(घ) पाँच

उत्तर-(क) दो

प्रश्न 15.बिरजू महाराज को तालिम किससे मिली?
(क) दादा से
(ख) बाबुजी से
(ग) नाना से
(घ)चाचा से

उत्तर-(ख) बाबुजी से

प्रश्न 16.जित-जित मैं निरखत हुँ पाठ के लेखक कौन है?
(क) यतीन्‍द्र मिश्र 
(ख) महात्‍मा गाँधी
(ग) अमरकांत    
(घ)पंडित बिरजु महाराज

उत्तर-(घ) पंडित बिरजु महाराज

प्रश्न 11.जित-जित मैं निरखत हुँ है-?
(क) कहानी         
(ख) निबंध
(ग) ललित रचना 
(घ) साक्षात्‍कार

उत्तर- (ख) निबंध

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