दिया गया पाठ का नोट्स और हल SCERT बिहार पाठ्यक्रम पर पूर्ण रूप से आधारित है। इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल के खण्ड (ख) के पाठ चार ‘जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन (Jeevan rakshak aakasmik prabandhan Notes and Solutions)’ के नोट्स और प्रश्न-उतर को पढ़ेंगे।
4. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन
आपदा प्रबंधन को दो चरणो में लागू करने की जरूरत होती हैंः-
- आकस्मिक प्रबंधन
- दीर्घकालिन प्रबंधन
दीर्घकालिन प्रबंधन का उद्देश्य होनेवाले आपदा के प्रभाव को कम करना हैं।
आकस्मिक प्रबंधन के अंर्तगत आपदा के आते ही प्रभावित लोगो को उससे निजात दिलाना ही मुख्य उद्देश्य होता हैं।
बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधनः
बाढ़ के आते ही जान-माल और मवेशी पर भारी संकट आ जाता हैं। अतः पहली प्राथमिकता बाढ़ रोकना नही बल्कि बाढ़ से लोगो को बचाना हैं। जो लोगो को नाव पर बैठकर या तैरने वाले व्यक्ति द्वारा रबर के गुब्बारे के साथ दूसरे को भी खींचते हुए सुरक्षित जगह पर ले जाय। मवेशियों को तथा घर के सामानो को बाहर निकालने की प्राथमिकता होती हैं।
सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के बाद भोजन और पेयजल की आवश्यकता हैं। बच्चो के लिए दूध और महामारी से बचने के लिए गर्म जल, भोजन तथा छोटे से जगह में मिलजुलकर रहने के लिए वातावरण बनाना आकस्मिक प्रबंधन का ही हिस्सा हैं।
भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधनः
भूकंप की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का तीन प्रमुख कार्य होता हैं।
- लोगो को राहत कैम्प में ले जाना या उसे सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- दबे हुए लोगो को मलवे से बाहर निकालना।
- मरे हुए आम लोगो और जानवरो को सही स्थान पर धार्मिक रीतियो के अनूरूप दफनाकर अंतिम संस्कार करना। ऐसा न करने पर महामारी फैलने की संभाना रहती हैं।
- आग लगने की स्थिति में :- शुष्क गर्मी ऋतु में गाँव का आग से स्वाहा हो जाना आपदा का ही एक रूप हैं। आकस्मिक प्रबन्धन की तीन बड़ी जिम्मेवारी होती हैंः
- आग में फँसे हुए लोगो को बाहर निकालना,
- घायलो को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुँचाना
- आग को फैलने से रोकना, बालू, मिट्टी तथा जल का उपयोग कर आग को बुझाना चाहिए। अग्नि सामक दल को भी बुलाना चाहिए।
Jeevan rakshak aakasmik prabandhan
लघु उत्तरीय प्रश्न
- जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते है?
उत्तर- आपदा के प्रारंभ होते ही प्रभावित लोगो को आपदा से निजात दिलाने के उदेश्य से किया जाने वाले कार्य जीवन आ-स्मिक प्रबंधन कहलाता है इसके अंतर्गत आमलोगो की एकजूट अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसके कारण कार्य किया जाता है।
प्रश्न 2. बाढ़ की स्थिती में अपनाये जाने वाले आंकस्मिक प्रबंधन का संक्षेन में वर्णन कीजिए।
उत्तर- बाढ़ के आते ही जान-माल और मवेशी पर भरी संकट आ जाता है अतः पहली प्राथमिकता बाढ़ रोकना नही बल्कि बाढ़ से लोगो को बचाया जाता है। जो लोगो को नाव पर बैठाकर या तैरने वाले व्यक्ति दृारा रबड़ के गुब्बारे के साथ दूसरे को खिंचते हुए सुरक्षित जगह पर ले जाय। मवेशियो को तथा घर के सामानो को बाहर निकालने की प्राथमीकता होती है। सूरक्षीत स्थनो पर पहुँचाने के बाद भोजन औेर पेयजल की व्यवस्था आवश्यक है। बच्चो के लिए दूध की व्यवस्था महामारी से बचने के लिए गर्म जल, गर्म भोजन तथा छोटे से जगह में मिलजुल कर रहने के लिए वातावरण बनाना आकस्मिक प्रबंधन का ही हिस्सा है।
प्रश्न 3. भूकेप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्भिक प्रबंधन की चर्च संक्षेप में कीजिए।
उत्तर- भूकंप एवं सुनामी की स्थिती में आकस्मिक प्रबंधन अत्यंत ही आवश्यक है सर्वप्रथम भूकंप या सुनामी से प्रभावित लोगो को राहत कैम्प में ले जाना मलबो में दबे हुए लागो को निकालना तथा मृत जीव जंतुओ को धार्मिक संस्कारो के अनुसार दफनाना या जलाना राहत कैम्प में रहने वाले लोगो के लिए भाजन, पेयजल, दवा इत्यादि की व्यवस्था आकस्कि प्रबंधन के अंतगर्त सम्मिलित है।
प्रश्न 4. आकस्मिक प्रबंधन में स्थनीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन करे।
उत्तर–आकस्मिक प्रबंधन का मुख्य उदेश्य आपदा के दौरान कम से कम लागो को हानी पहुँची तथा अधिक से अधिक लोगो को राहत पहुँचाया जाए इन्ही संगठनो में स्थानीय प्रशासन भी भूमीका प्रमुख मानी जाती है। स्थानीय प्रशासन आपदा के दौरान राहत शिविर का निमार्ण, प्राथमिक उपचार, एमबुलेस, डॉक्टर, अग्निशामक इत्यादि की व्यवस्था करता है जिससे आपदा प्रबंधन सरल व सहज बन सके।
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प्रश्न 5. आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए ? उल्ले करे।
उत्तर- आग लगने की स्थिति में निम्न स्थिति है।
(1. ) आग में फसे हुए लोग एवं मवेशियो को बाहर निकालना
(2. ) घयलो को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुचना।
(3. ) आग के दौरान छत पे फसे लागो को सीढ़ी के -रा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए।
(4. ) आग पर सर्वप्रथम नियतांक स्थापित करना।
(5. ) आग के फैलाव को रोकने के लिए नजदिक में उपलब्ध बालु, मिट्टी, तलाब हो तो तलाब का जल का उपयोग करना चाहिए।
(6. ) अग्निशामक दल को बुलाना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते है?
उत्तर– आपदा के दौरान प्रभावित लोग को तत्काल आपदा संकट से निजात दिलाने वाले कार्य जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन कहलाता है आकस्मिक मुख्यतः बाढ़, सुनामी, भूकंप, आग जैसी घटनाओ के समय किया जाता है जिसमें प्रभवित लोगो को सुरक्षा प्रदान इत्यादि सम्मिलित है।
आकस्मिक प्रबंधन के फलस्वरूप लोगो के जान माल के नुकसान को तत्काल कम किया जाता है।
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प्रश्न 2. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओ के भूमिका का विस्तार से उल्लेख कीजिए।
उत्तर– आकस्मिक प्रबंधन के मुख्य घटको में स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संगठनो की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्थानीय प्रशासन की मदद से आपदा प्रभावित क्षेत्रो में शिविर का निमार्ण, प्राथमीक उपचार, एम्बुलेस, डॉक्टर अग्निशामक इत्यादि सुविधा प्रदान किया जाता है। जिससे आपदा प्रबंध को सरल व सहज बनाया जा सके।वही स्वयंसेवी संगठनो के युवको को मानसिक रूप से सुदृढ़ और इसे आथ ही विभिन्न प्रकार के आपदा से संबंधित विडियो फिल्म इत्यादि दिखाकर जनजागरूकता फैलाने का भी कार्य किया जाता है।
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