1. हमारे आस-पास के पदार्थ
आयतन— कोई वस्तु जितना स्थान घेरता है, उसे उस वस्तु का आयतन कहलाता है।
द्रव्य क्या है—
द्रव्य एक प्रकार का पदार्थ है जिसे किसी भी भौतिक प्रक्रिया की सहायता से पदार्थ के अन्य प्रकारों में विभक्त नहीं किया जा सकता है। जैसे चीनी एक द्रव्य है। जल में विलीन चीनी को जल का सिर्फ वाष्पीकरण करके ही प्राप्त किया जा सकता है। अतः चीनी एक द्रव्य है। इसी प्रकार, चुना, सोडियम क्लोराइड आदि भी द्रव्य है। दूध शुद्ध द्रव्य नहीं है क्योंकि यह जल, वसा, प्रोटीन आदि का मिश्रण है। इसी प्रकार, समुद्र का जल, मिट्टी, खनिज, कोयला आदि भी मिश्रण है। शुद्ध द्रव्य नहीं है।
Hamara Aspas Ke Padarth Class 9th Science Notes in Hindi
पदार्थ की भौतिक प्रकृति
पदार्थ की निम्नलिखित विशेषताएं हैं—
(क) पदार्थ कणों का बना होता है।
(ख) पदार्थ के कण अत्यंत सूक्ष्म होते हैं।
(ग) पदार्थ के कण हमेशा गतिशील रहते हैं।
(घ) पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(ङ) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
पदार्थ के भौतिक गुणों के आधार पर पदार्थ को 3 वर्गों में बांटा गया है— ठोस, द्रव और गैस
ठोस की परिभाषा :
जिसकी आकृति और आयतन निश्चित होते हैं। उसे पदार्थ कहते हैं। जैसे- पुस्तक एक ठोस पदार्थ है1 इसकी आकृति और आयतन निश्चित होते हैं। चीनी और नमक भी ठोस पदार्थ हैं। चीनी या नमक के किसी भी क्रिस्टल की आकृति निश्चित ही होती है।
ठोस पदार्थों के सामान्य गुण
- ठोस पदार्थ की आकृति और उसके आयतन निश्चित होते हैं।
- ठोस पदार्थ का घनत्व उच्च होता है।
- ठोस पदार्थों के द्रवणांक और क्वथनांक प्राय: उच्च होते हैं।
- ठोस पदार्थ कठोर और दृढ़ होते हैं।
- ठोस पदार्थ असंपीड्य होते हैं; अर्थात ठोस पदार्थ पर दाब बढ़ाकर या दाब घटाकर उसके आयतन को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता है।
- ठोस पदार्थों में बहाव की प्रवृत्ति नहीं होती है।
- ठोस पदार्थ को गर्म या ठंडा करने पर इनका क्रमश: प्रसार और संकुचन बहुत ही कम होता है।
- ठोस पदार्थ ने विसरण का गुण पाया जाता है।
- द्रव की परिभाषा :
- जिसकी आकृति निश्चित नहीं होती है किंतु आयतन निश्चित होती है। उसे गैस कहते हैं।
द्रव के सामान्य गुण
- द्रव की आकृति निश्चित होती है किंतु उसका आयतन निश्चित नहीं होता है।
- द्रव का घनत्व उसके ठोस रूप के घनत्व से कम होता है।
- द्रव प्राय: असंपीड्य होते हैं।
- द्रवों के द्रवणांक और क्वथनांक ठोस पदार्थों से प्राय: कम होते हैं।
- द्रव पदार्थों में बहने की प्रवृत्ति पाई जाती है।
- द्रव में विसरण का गुण गैस की तुलना में कम पाया जाता है।
गैस की परिभाषा :
जिसकी आकृति और आयतन दोनों निश्चित नहीं होती है। उसे गैस कहते हैं।
गैसों के सामान्य गुण
- गैस की ना तो कोई निश्चित आकृति होती है और ना कोई निश्चित आयतन होता है।
- ठोस एवं द्रवों की तुलना में गैसों के घनत्व बहुत ही कम होते हैं।
- सामान्य वायुमंडलीय दाब पर किसी गैस के द्रवनांक और क्वथनांक कमरे के ताप से कम होते हैं।
- गैसों की संपीड्यता बहुत अधिक होती है।
- गर्म या ठंडा करने पर गैस को प्रसारित या संकुचित किया जा सकता है।
- गैसों में विसरण का गुण अधिक पाया जाता है।
पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था
प्लाज्मा अवस्था पदार्थ की चौथी अवस्था होती है। सूर्य और तारें प्लाज्मा अवस्था में रहते हैं। प्लाज्मा की उपस्थिति के कारण ही ये चमकीले दिखाई पड़ते हैं।
पदार्थ की पांचवी अवस्था : बोस—आइंस्टाइन कंडेन्सेट
1920 ई० में भारत के सुप्रसिद्ध भौतिक विज्ञानवेत्ताा सत्येंद्रनाथ बोस ने अपने सांख्यिकी गणनाओं के आधार पर पदार्थ की पंचम अवस्था की अवधारणा प्रस्तुत किया। विश्वविख्यात वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने भी पदार्थ की इस अवस्था की संभावना का पूर्वानुमान लगाया था। बाद में अमेरिका के 3 वैज्ञानिकों की एक टीम ने पदार्थ की इस अवस्था को प्राप्त करने में सफलता पाई। इन लोगों ने अतिनिम्न घनत्व (वायु के घनत्व का 10-5 भाग) वाली गैस को अतिशीतलित करके लगभग 2 10-7 केल्विन ताप पर इस अवस्था को प्राप्त किया।। इस अवस्था को बोस आइंस्टाइन कंडेंसेट कहते हैं।
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं- कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध।
उत्तर: कुर्सी, वायु, बादाम, नींबू पानी पदार्थ हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ गर्मा-गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर: गर्म खाने की गंध दूर तक पहुँच जाती है क्योंकि तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है या उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। अतः गन्ध का वायु में विसरण तेज हो जाता है।
प्रश्न 3. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर: स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है क्योंकि पानी के कणों के बीच आकर्षण बल ठोसों की तुलना में कम होता है।
प्रश्न 4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर: पदार्थ के कणों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं –
1. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
2. वे निरन्तर गतिशील होते हैं, अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
3. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 5. किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = द्रव्यमान/आयतन) बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें—वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रुई और लोहा।
उत्तर: वायु, चिमनी का धुआँ, जल, शहद, रुई, चॉक, लोहा।
प्रश्न 6. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अन्तर को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 7. (b) निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए- दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर:
1. दृढ़ता – ठोस दृढ़ होते हैं क्योंकि उनके कणों के बीच में रिक्त स्थान काफी कम व आकर्षण बल बहुत अधिक होता है। बाह्य बल लगाने पर भी ये अपने आकार को बनाये रखते हैं। अत्यधिक बल लगाने पर ये टूट सकते हैं, पर इनका आकार नहीं बदलता।
2. संपीड्यता – बाह्य बल लगाने पर गैसों के आयतन में परिवर्तन होता है क्योंकि उसके कणों के बीच में अत्यधिक रिक्त स्थान व न्यून आकर्षण बल होता है। अतः उनकी संपीड्यता सबसे अधिक होती है।
3. तरलता – द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार बदलता है, इसीलिए ये दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं।
4. बर्तन में गैस का भरना – संपीड्यता काफी अधिक होने के कारण गैस के अत्यधिक आयतन को एक कम आयतन वाले बर्तन में संपीडित किया जा सकता है व आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।
5. आकार – ठोसों का आकार निश्चित होता है। बाहरी दाब का उनके आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, द्रवों का आकार बदलता रहता है। जिस बर्तन में इन्हें रखा जाये ये उसका आकार ले लेते हैं। गैसों का कोई आकार नहीं होता।
6. गतिज ऊर्जा – पदार्थ में कणों की गति के कारण जो ऊर्जा होती है वह गतिज ऊर्जा कहलाती है। पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील रहते हैं, अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है। इसलिए तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
7. घनत्व – किसी तत्त्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं।
घनत्व = द्रव्यमान/आयतन।
ठोसों का घनत्व सबसे अधिक, द्रवों का ठोसों से कम व गैसों का बहुत कम होता है।
प्रश्न 8. कारण बताएँ—
(a ) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है जिसमें इसे रखते हैं।
उत्तर: गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है एवं कणों के बीच रिक्त स्थान भी अधिक होता है। अत: गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
उत्तर: गैस के कणों की गति अत्यधिक तीव्र एवं अनियमित होती है। इस अनियमित गति के कारण ये कण आपस में एवं बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। बर्तन की दीवार पर गैस कणों द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र पर लगे बल के कारण गैस का दबाव बनता है।
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
उत्तर: लकड़ी की मेज का एक निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ तथा स्थिर आयतन या नगण्य संपीड्यता होती है। बाह्य बल लगाने पर भी यह अपने आकार को बनाये रखती है। इसमें दृढ़ता होती है अतः यह ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर: हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं क्योंकि हवा गैसीय अवस्था में होती है। अतः उसके कणों के बीच अत्यधिक रिक्त स्थान एवं नगण्य आकर्षण बल होता है। जबकि ठोस लकड़ी दृढ़ होती है। उसके कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है एवं उनके बीच का आकर्षण बल बहुत अधिक होता है जिस कारण उसको तोड़ने में बहुत अधिक बल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 9. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर: सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है लेकिन जल जब ठंडा होकर बर्फ बनाता है तो उसके कणों के मध्य रिक्त स्थान में वृद्धि होती है जिसके परिणामस्वरूप उसके आयतन में भी वृद्धि हो जाती है। अत: बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम हो जाता है फलस्वरूप बर्फ का टुकड़ा जल पर तैरता है।
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प्रश्न 10. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है ?
उत्तर: अवस्था परिवर्तन के दौरान पदार्थ का तापमान स्थिर रहता है क्योंकि पदार्थ अवस्था परिवर्तन के दौरान ऊष्मा को अवशोषित करता है व कणों के पारस्परिक आकर्षण बल को वशीभूत करके पदार्थ की अवस्था को बदलने में इस ऊष्मा का उपयोग होता है। इस ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं। तापमान में बिना किसी तरह की वृद्धि दर्शाये इस ऊष्मीय ऊर्जा को पदार्थ अवशोषित कर लेता है।
प्रश्न 11. वायुमण्डलीय गैसों का द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर: वायुमण्डलीय गैसों को दाब बढ़ाकर या संपीडित करके व तापमान घटाकर द्रव में परिवर्तित किया जा सकता है।
प्रश्न 12. गर्म एवं शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है ?
उत्तर: गर्म एवं शुष्क दिन में तापमान की अधिकता व आर्द्रता में कमी के कारण वाष्पीकरण की दर तेज होती है। वाष्पीकरण की दर अधिक होने के कारण कूलर अधिक ठंडा करता है।
प्रश्न 13. गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर: गर्मियों में तापमान अधिक होता है अतः घड़े की बाहरी सतह से जल के वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। वाष्पीकरण के दौरान घड़े की सतह के कण घड़े के अन्दर के जल से या आसपास से ऊर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाते हैं। वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मीय ऊर्जा घड़े के जल से अवशोषित हो जाती है, जिससे जल शीतल हो जाता है।
प्रश्न 14. ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर: जब ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र को हम हथेली पर गिराते हैं तो इसके कण हमारी हथेली या उसके आस-पास से ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं और वाष्पीकृत हो जाते हैं जिससे हथेली पर शीतलता महसूस होती है।
प्रश्न 15. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर: वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है। अतः प्लेट में गर्म दूध या चाय डालने पर वह जल्दी ठण्डी हो जाती है, क्योंकि उसकी वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है, और हम उसे जल्दी पी लेते हैं।
प्रश्न 16. गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि गर्मियों में हमें अधिक पसीना आता है। चूंकि सूती कपड़ों में जल का.अवशोषण अधिक होता है। अतः हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमण्डल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है और हमें शीतलता मिलती है।
प्रश्न 17. जल की धार न कटने का क्या कारण है ?
उत्तर: जल के कणों के बीच आकर्षण बल कार्य करता है जिस कारण जल की धार के कण अलग नहीं होते व धार नहीं कटती।
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प्रश्न 18. क्या द्रव का आकार एकसमान रहता है ?
उत्तर: नहीं, जिस बर्तन में इसे रखा जाए यह उसी का आकार ले लेता है।
प्रश्न 19. द्रव को एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उड़लने पर क्या यह आसानी से बहता है ?
उत्तर: हाँ, यह तरल होने के कारण आसानी से बहता है।
प्रश्न 20. वाष्पीकरण के निम्नलिखित तथ्यों के बारे में आप क्या अनुमान लगा सकते हैं ? तापमान का प्रभाव, सतह का क्षेत्र और वायु की चाल।
उत्तर: तापमान का प्रभाव – तापमान में वृद्धि से जल के अधिक कणों में पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलती है, जिससे वे वाष्पीकृत हो जाते हैं।
सतह का क्षेत्र – सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है।
वायु की चाल – वायु के तेज होने से जलवाष्प के कण वायु के साथ उड़ जाते हैं जिससे आसपास के जलवाष्प की मात्रा घट जाती है। अतः वाष्पीकरण की दर तेज हो जाती है।
संघनन— गैस का द्रव में बदलना संघनन कहलाता है।
द्रवीकरण— ठोस का द्रव में बदलना संगलन या द्रवीकरण कहलाता है।
वाष्पीकरण— द्रव का वाष्प में बदलना वाष्पीकरण कहलाता है।
जमना— द्रव का ठोस में बदलना जमना कहलाता है।
ऊर्ध्वपातन— ठोस का सीधे गैस में बदलना ऊर्ध्वपातन कहलाता है।
निक्षेपण— गैस का ठोस में बदलना निक्षेपण (Deposition) कहलाता है।
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