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1. दही वाली मंगम्मा | Dahi wali mangamma class 10th Hindi

October 20, 2022 by Leave a Comment

इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के कक्षा 10 के हिंदी वर्णिका के पाठ एक (Dahi Wali Mangamma) ‘दही वाली मंगम्मा’ के सारांश तथा सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर को पढ़ेंगे, जिसके लेखक ‘श्री निवास’ जी है |

1. दही वाली मंगम्मा
लेखक- श्रीनिवास

जन्म- कर्नाटक के कोलार में (6 जून 1891 ई0)
मृत्यु- 6 जून 1986 ई0
पूरा नाम- मास्ती वेंकटेश अय्यंगार
यह कन्नड़ साहित्य के प्रतिष्ठित रचनाकारों में से एक थे।
हिन्दी अनुवाद- बी0 आर0 नारायण

पाठ परिचय- पस्तुत कहानी दही वाली मंगम्मा भावना प्रधान कहानी है। इसमें दो पीढ़ियों की भावनाओं को लेखक ने बड़े ही स्वभाविक ढंग से प्रस्तुत किया है। कहानी एक दही बेचने वाली की है, जो परिवार में सब पर अपनी धाक् जमाना चाहती है, जबकि बहु अपने अधिकार का त्याग करना अपना अपमान समझती है। कहानी का आरंभ दही वाली मंगम्मा के दही बेचने से होता है।

सारांश

मंगम्मा अवलूर के समीप वेंकटपुर की रहनेवाली थी और रोज दही बेचने बंगलूर आती थी। वह आते-जाते मेरे पास बैठती और अपनी बातें करती थी।

एक दिन वह मेरे बच्चे को देखकर अपना पुत्र और पति की कहानी कहकर पति को अपनी ओर आकृष्ट करने की रहस्यमयी बातें कहने लगी। आदमी को अपने वश में रखने का तीन-चार अपना अनुभवपूर्ण गुर भी बताया।

पन्द्रह दिन बाद मंगम्मा आई और रोती हुई अपना गृह-कलह तथा बेटा-बहु से अलग होने की दुःखद कहानी सुनाई। इस प्रकार बेटे बहु से विरक्त होकर अपने जोड़े हुए पैसे को अपने साज श्रृंगार पर खर्च करने लगी। इस से वह कुछ लोगों के आलोचना के पात्र भी बन गई। बहु भी उसकी जैकेट पर ताना कसने लगी और बात बढ़ने पर दिए गये गहने भी लौटाने को तैयार हो गई।

झगड़े का कारण तो पोते की पीटाई थी लकिन मूल-रूप में सास-बहू की अधिकार सम्बन्धी ईर्ष्या थी । औरत को अकेली जानकर कुछ लोग उसके धन और प्रतिष्ठा पर भी आँखे उठाते थे। रंगप्पा भी ऐसा ही किया, जिसे बहू के पैनी निगाहों ने ताड़ लिया। उसने पोते को उसके पास भेजने का एक नाटक किया। अब मंगम्मा भी पोते के लिए बाजार से मिठाई खरिदकर ले जाने लगी। एक दिन कौवे ने उसके माथे से मिठाई की दाना ले उड़ा। अंधविश्वास के कारण मंगम्मा भयभीत हो उठी। जिसे माँ जी ने बड़े कुशलता से निवारण किया।

बहू के द्वारा नाटकीय ढ़ंग से पोते को दादी के पास भेजने का बहू का मंत्र बड़ा कारगर हुआ। दूरी बढ़ने से भी प्रेम बढ़ता है। मानसिक तनाव घटता है। हुआ भी ऐसा ही। मंगम्मा को भी बहू में सौहार्द, बेटे और पोते में स्नेह नजर आने लगी। बड़े-बूढ़ों ने भी समझाया।

बहू ने मंगम्मा का काम अपने जिम्मे ले लिया। एक दिन दही बेचने के क्रम में नंजम्मा ( बहू ) आई और मुझे सारी बातें बताई। उसने परिवार का जमा पैसा लुट जाने के भय के कारण बहू बड़ी कुशलता से पुनः परिवार में शांति स्थापित कर लिया। और फिर पहले की तरह रहने लगी।

अंत में लेखक इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी है। उसमें माँ बेटे और पति पत्नि है। माँ बेटे पर से अपना अधिकार नही छोड़ना चाहती है तो बहू पति पर अपना अधिकार जमाना चाहती है। यह सारे संसार का ही किस्सा है।

Dahi wali mangamma class 10th Hindi

विषयनिष्‍ठ प्रश्‍न—Subjective Questions

प्रश्न 1. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था?

उत्तर- मंगम्मा ने अपनी बहू नंजम्मा को पोते को लेकर डाँटा था। एक दिन अपने बेटे की किसी गलती पर उनकी माँ नंजम्मा उसे पीट रही थी। पहले तो कुछ देर मंगम्मा चुप रही किन्तु जब रहा न गया तो मंगम्मा ने बहू से कहाँ- “क्यों री राक्षसी इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है ?” बस बहू चढ़ बैठी। खूब सुनाई उसने। जब मंगम्मा ने कहा कि मैं तुम्हारे घरवाले की माँ हूँ तो बहू ने भी कहा-“मैं भी इसकी माँ हूँ। मुझे क्या अकल सिखाने चली है ?” बात बढ़ गई। जब मंगम्मा ने बेटे से शिकायत की तो उसने कहा वह अपने बेटे को मारती है तो तुम क्यों उस झगड़े में पड़ती हो? मंगम्मा ने कहा- ‘बीबी ने तुझ पर जादू फेरा है बस, उसी दोपहर बहू ने मंगम्मा के बर्तन भांडे अलग कर दिए।

प्रश्न 2. रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था?

उत्तर- रंगप्पा गाँव का आदमी था। बड़ी शौकीन तबीयत का था । कभी-कभार जूआ भी खेलता था। जब उसे पता चला कि मंगम्मा बेटे से अलग रहने लगी है तो वह मंगम्मा के पीछे पड़ गया। एक दिन उससे हाल-चाल पूछा और बोला कि मुझे रुपयों की जरूरत है। दे दो लौटा दूँगा। मंगम्मा ने जब कहा कि पैसे कहाँ हैं तो बोला कि पैसे यहाँ-वहाँ गाड़कर रखने से क्या फायदा दूसरे दिन रंगप्पा ने अमराई के पीछे रोककर बाँह पकड़ ली और कहा- ‘जरा बैठो मंगम्मा, जल्दी क्या है ? दरअसल, रंगप्पा लालची और लम्पट दोनों ही था।

प्रश्न 3. बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?

उत्तर- बहू को जब पता चला कि रंगप्पा उसकी सास मंगम्मा के पीछे पड़ गया है तो उसके कान खड़े हो गए। कहीं सास के रुपये-पैसे रंगप्पा न ले ले, इस आशंका से वह बेचैन हो गई। तब उसने योजना बनाई और अपने बेटे से कहा कि जा दादी पास तुझे मिठाई देती है न? अगर मेरे पास आया तो पीटूंगी। बस, बच्चा मंगम्मा के पास आकर रहने लगा। मंगम्मा भी उसे चाहती ही थी। एक दिन पोता जिद कर बैठा कि मैं भी बैंगलोर चलँगा। मंगम्मा क्या करे? माथे पर टोकरा, बगल में बच्चा! मुसीबत हो गई। तब बेटे-बहू ने आकर कहा कि उस दिन गलती हो गई। यूँ कैसे चलेगा? मंगम्मा अब खुशी-खुशी बेटे-बहू के साथ रहने लगी। धीरे-धीरे बहू ने शहर में दही बेचने का धंधा भी अपने हाथ में ले लिया। उसकी मंशा पूरी हो गई।

प्रश्न 4. इस कहानी का कथावाचक कौन है ? उसका परिचय दीजिए।

उत्तर- इस कहानी का कथावाचक लेखक की माँ है। लेखक की माँ प्रस्तुत कहानी का द्वितीय केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु लेखक की माँ के द्वारा ताना-बाना बुना गया है। मंगम्मा जब दही बेचने के लिए आती है तो लेखक के घर आती है और बढ़िया दही कुछ-न-कुछ बेचकर जाती है। धीरे-धीरे मगम्मा और लेखक की माँ में घनिष्ठता बढ़ती चली गई।

मगम्मा अपने घर-गृहस्थी का सारा हाल सुनाती है और लेखक की माँ उसे कुछ-न-कुछ सुझाव देती है। सास और बहू के अन्तर्कलह से परिवार बिखर जाता है। बेटे को समस्त सुख अर्पित करनेवाला माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो जाती है। मगम्मा के अन्तर्व्यथा को सुनकर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो जाता है। ममता की मूर्तिमान रहनेवाली नारी दुर्गा क्यों बन जाती है। इसका ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ को देखना-सुनना पड़ता है। जब कोई एक दूसरे को पसंद नहीं करता तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती है। मंगम्मा की बातें सुनते-सुनते लेखक की माँ का हृदय द्रवित हो जाता है।

प्रश्न 5. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।

उत्तर- मंगम्मा प्रस्तुत कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु इसके इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। पति से विरक्त रहनेवाली मंगम्मा शायद कभी ऐसी नहीं सोची होगी कि उसका बेटा पत्नी के दबाव में आकर उसको छोड़ सकता है। पत्नी का शृंगार पति है। मंगम्मा और उसकी बहू इस तथ्य को भली-भाँति समझती है। मंगम्मा दही बेचकर अपना जीवन-यापन करती है। दही लेकर वह अपने गाँव से शहर जाती है। और उसे बेचकर जो आमदनी होती है। उसी में वह कुछ संचय करती है।

वह जानती है कि पैसा ही उसका अपना जमा पूँजी होती है। वह भोली-भाली और सच्‍चा हृदय वाली नारी है। अपने पोते के प्रति उसका अधिक झुकाव होता है। रंगप्पा द्वारा बार-बार उसका पीछे करने पर भी अपने कर्मपथ से विचलित नहीं होती है। मंगम्मा सम्पूर्ण भारतीय नारीत्व का प्रतिनिधित्व करती है।

Dahi wali mangamma class 10th Hindi

प्रश्न 6. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।

उत्तर- मंगम्मा कथा-नायिका मंगम्मा की बहू है। वह बहुत तेज-तर्रार है। अपने काम में किसी प्रकार की दखलंदाजी सहन नहीं करती। बेटे की किसी गलती पर जब उसे पीटती और मंगम्मा जब मना करती है तो उस पर चिढ़ बैठती है। कहती है कि मैं बेटे की माँ हूँ-जैसे चाहूँगी रखुंगी। वह अपने पति पर भी काबू रखती है और तर्क से सबको हराती भी है। मंगम्मा जब मखमल का जाकिट पहनती है तो व्यंग्य भी करती है और लेन-देन की बात उठने पर मंगम्मा के लिए गहने-जेवर महिला को वापस ले लेने को भी कह देती है।

नंगम्मा तेज-तर्रार होने के साथ लोगों की कमजोरी जाननेवाली अत्यन्त चतुर भी है जब उसे मंगम्मा द्वारा रुपया-पैसा किसी और को दिए जाने की आशंका होती है तो अपने बेटे को मंगम्मा के पास रहने के लिए भेज देती है और मौका देखकर पति के साथ जाकर माफी माँग लेती है और अपने यहाँ ले आती है। इतना ही नहीं वह धीरे-धीरे मंगम्मा का दही बेचने का धंधा भी खुद शुरू कर देती है।

इस प्रकार नंजम्मा तेज-तर्रार, दूरदर्शी और व्यवहार कुशल नारी है।

विस्तुनिष्ठ प्रश्‍न

1. सही विकल्प चुनें
प्रश्न 1. दही वाली मंगम्मा के रचयिता हैं ?
(क) सात कौड़ी होता
(ख) ईश्वर पेटलीकर

(ग) श्रीनिवास
(घ) प्रेमचन्द

उत्तर- (ग) श्रीनिवास

प्रश्न 2. श्रीनिवास साहित्यकार हैं—
(क) गुजराती
(ख) कन्नड़
(ग) राजस्थानी
(घ) तमिल

उत्तर- (ख) कन्नड़

Dahi wali mangamma class 10th Hindi
प्रश्न 3. मंगम्मा बरसों से बारी में दिया करती थी—
(क) दूध
(ख) चावल
(ग) मछली
(घ) दही

उत्तर- (घ) दही

प्रश्न 4. नंजमा मंगम्मा की…………थी।
(क) बेटी
(ख) माँ
(ग) पुत्र वधू
(घ) सास

उत्तर- (ग) पुत्र वधू

प्रश्न 5. श्री निवास का पूरा नाम है—
(क) साँवर दइया
(ख) सुजाता

(ग) मास्‍ती वेंकटेश अय्यंगर
(घ) सात कोड़ीहोता

उत्तर- (ग) मास्‍ती वेंकटेश अय्यंगर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रंगप्पा कौन था और वह क्या चाहता था ?
उत्तर- रंगप्पा मंगम्मा के गाँव का जुआड़ी था और मंगम्मा से रुपये चाहता था।

प्रश्न 2. सास-बहू की लड़ाई में मंगम्मा के बेटे ने किसका साथ दिया ?
उत्तर- सास-बहु की लड़ाई में मंगम्मा के बेटे ने अपनी पत्नी का साथ दिया।

Dahi wali mangamma class 10th Hindi

प्रश्न 3. मंगम्मा और उसकी बहू नंजम्मा में झगड़ा क्यों हुआ?
उत्तर- मंगम्मा और उसकी बहू नंजम्मा में पोते की पिटाई को लेकर झगड़ा हुआ।

प्रश्न 4. मंगम्मा की बहू नंजम्मा ने अपनी सास से क्यों समझौता कर लिया ?
उत्तर- मंगम्मा की बहू नंजम्मा ने अपनी सास से इसलिए समझोता कर लिया कि कहीं सास दूसरे व्यक्ति को रुपये न दें ।

प्रश्न 5. मंगम्मा कौन थी?
उत्तर- मंगम्मा बारी में दही बेचने वाली थी।

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