6. KOEL
Puran Singh
Koel! what lightning fell? what singed thy wings?
What keeps thee fresh, yet charred?
Concealed in the mango-leaves, thou singest!
Thy high-pitched strains wake in my soul a
thousand memories!
कवि जानना चाहता है कि कौन-सी बिजली गिरी जिससे उसका पंख जल गया है, फिर भी वह इतना तरोताजा कैसे रहती है । वह आम पत्तियों में छुपकर अपना मधुर राग छेड़ते रहती है । उसकी आवाज की तान काफी उच्च है, जो कवि की अन्तरात्मा में हजारों स्मृतियों को जगा देता है।
Class 10 English Poetry Chapter 6 Koel
Why so restless that thy spark-shedding notes
go forth kindling fire?
Lo! The roses are on fire which winds and
waters catch!
The shades of mangoes burn!
What a rain of sparks art thou, O little Bird!
कवि जानना चाहता है कि कोयल इतना परेशान क्यों है । उसके शरीर में इतनी तेज चिंगारी है कि सभी चीजों में आग लगाते रहती है | हवाएँ और समुद्रों में भी जान फूँकने का काम वह करती है । लेकिन अब आम के पेड़ नष्ट हो चुके हैं।
The Fire of Love has charred my wings, and
made me anew
I am restless! Where is my Beloved?
The sight of mango-blossoms fires me all the more!
कोयल कहती है कि प्रेम-रूपी अग्नि ने उसके पंख को जला दिया है और मुझे नया रूप प्रदान किया है जिससे मैं इतना काली हो गयी हूँ । वह बेचैन है, वह अपने चाहनेवाले को ढूंढ रही है। आम का मंजर उसे अग्नि की तरह दहका देता है ।
The greener the garden, the brighter burns my heart!
My flaming soul asks, “Where? where is my Beloved?”
“Speak! speak! why are thy leaves so still?”
कोयल कहती है कि बागान जितना हरा-भरा रहेगा उतना ही वह दहकते रहेगी । कोयल की दहकती आत्मा पूछती है कि उसका बसेरा कहाँ है । यह पत्ते इतना शाँत क्यों हैं ?
Class 10 English Poetry Chapter 6 Koel
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