1. GOD MADE THE COUNTRY
(ईश्वर ने गाँव बनाया)
William Cowper
WILLIAM COWPER (1731-1800) may be said to be giving in his poems a foretaste of the poetry of Wordsworth. There is in his works the same deep respect for the rural life, the common people and the lovely, quiet landscape. Like Wordsworth again he did not hesitate in giving clear-cut opinion about the issues of his time.
It is a paradox that the poets and dramatists who lived in cities or state capitals have written powerfully about the beauty of the rural life. The simplicity of the common villagers engaged in humble professions, the abundance of natural life in the flora and the fauna and the peaceful living they together make have always inspired poets to write on the life in the countryside.
Cowper’s poem is a classic example of this kind of writing. The first line of the poem – “God made the country and man made the town” truly sums up the creation of the countryside and the evolution of towns. Being created in a natural way, villages possess a perfection that towns and cities can never have. Addressing the town-dwellers, the poet throws light on the virtues of the rural life and exhorts them to escape from artificial luxury and comfort to the simple, but enduring, pleasures of a village.
हिन्दी वाक्यार्थ— विलिअम कॉपर (1731-1800) के बारे में कहा जा सकता है कि वह अपनी कविताओं में वर्डसवर्थ के काव्य का पूर्व-अनुभव देनेवाला है। उसकी कृतियों में ग्रामीण जीवन के लिए वही गहरा सम्मान है, सामान्य लोग और प्यारा शान्त भूदृश्य। फिर वर्डसवर्थ की तरह वह अपने समय के विषयों पर अपना स्पष्ट विचार देने से नहीं हिचकता।
यह विरोधाभास है कि वैसे कवि और नाटककार जो शहरों या राज्य की राजधानियों में रहते थे, उन्होंने ग्रामीण जीवन की सुन्दरता के बारे में शक्तिशाली रूप में लिखा है। सरल पेशे में व्यस्त साधारण ग्रामीणों की सरलता, वनस्पति और वन्यप्राणी में स्वाभाविक जीवन की प्रचुरता और शान्तिपूर्ण जीवन जो वे साथ-साथ बनाते हैं। उन्होंने ग्रामीण जीवन पर लिखने के लिए कवियों को हमेशा उकसाया है।
कौपर की कविता इस प्रकार के लेखन का उत्कृष्ट उदाहरण है। कविता की पहली पंक्ति- गॉड मेड द कंट्री एंड मैन मेड द टाउन-सत्य ही देहात की रचना और शहरों के उद्भव का संयोग करती है। स्वाभाविक रूप से निर्मित होते हुए गाँव वह पूर्णता प्राप्त करते हैं जो शहर और नगर कभी प्राप्त नहीं कर सकते। शहरवासियों को सम्बोधित करते हुए कवि ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता पर प्रकाश डालता है और उन्हें बनावटी विलासिता और अराम से दूर होकर सरल, किन्तु सहनशील, ग्राम के आनन्द की ओर जाने को उकसाता है।
GOD MADE THE COUNTRY (ईश्वर ने गाँव बनाया)
God made the country, and man made the town.
What wonder then that health and virtue, gifts
That can alone make sweet the bitter draught
That life holds out to all, should most abound
And least be threatened in the fields and groves?
अर्थ- ईश्वर ने गाँव का निर्माण किया और मनुष्य ने शहर का। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ईश्वर ने हमें सब कुछ प्राकृतिक रूप में प्रदान किया था जिसे मनुष्य ने प्रदूषित कर दिया है। धरती और जंगल के उपर खतरा मँडरा रहा है। यह हमारे अस्तित्व पर एक प्रश्नसूचक चिह्न है।
Class 10 English Poetry Chapter 1 God Made the Country
Possess ye, therefore, ye, who borne about
In chariots and sedans, know no fatigue
But that of idleness, and taste no scenes
But such as art contrives, possess ye still
Your element; there only can ye shine;
There only minds like yours can do no harm.
कवि कहता है कि आज का मनुष्य तरह-तरह के अविष्कारों का निर्माण आरामदायक जीवन व्यतीत करने लगा है। लेकिन मनुष्य का शरीर जो कभी शक्तिशाली हुआ करता था, आज कमजोर होता दिख रहा है। यह क्षमता आज भी ग्राम्य वातावरण में रहने वाले लोगों में दृष्टिगोचर होता है। यहाँ (गाँवों में) केवल तुम्हारा मन तुम्हारे जैसा कोई क्षति नहीं कर सकता।
Our groves were planted to console at noon
The pensive wanderer in their shades. At eve
The moonbeam, sliding softly in between
The sleeping leaves, is all the light they wish.
Birds warbling all the music.
कवि कहता है कि ईश्वर ने हमारे लिए जंगल, उद्यान आदि की सृष्टि की थी। दिन में वह सूर्य से तथा रात में चंद्रमा की किरणों से प्रकाशित होता है। पेड़-पौधे थके-माँद्रे लोगों को शीतलता प्रदान करते रहे हैं। पंक्षी भी अपने मधुर गीतों को गाते रहती थी। लेकिन आज के ये दृश्य बदल चुके हैं।
We can spare
The splendour of your lamps; they but eclipse
Our softer satellite. Your songs confound
Our more harmonious notes: the thrush departs
Scar’d, and th’ offended nightingale is mute.,
हमलोग आपके रोशनी की भव्य काया को छोड़ सकते हैं । जो ग्रहण है वो कुछ और नहीं बल्कि हल्के उपग्रह है । आपके गीत हमारे लयबद्ध गीत को उलझन की स्थिति में ले आते हैं। चिड़ियाँ डर के भाग जाती है और वो आहट भरी बुलबुल शांत रहती है।
Class 10 English Poetry Chapter 1 God Made the Country
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