3. बिहारी के दोहे
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. “बड़े न हुजै गुनन बिनु, बिरद बड़ाई पाय ।
कहत धतूरे सो कनक, गहनो गढ़यो न जाय ।।”– किस शीर्षक पाठ की पंक्ति है?
(A) कबीर के पद
(B) बच्चे की दुआ
(C) बिहारी के दोहे
(D) तू जिन्दा है तो……..
2. ‘कनक’ शब्द का प्रयोग किन–किन अर्थों में बिहारी के दोहे में किया गया है?
(A) हीरा और मोती
(B) धतूरा और सोना
(C) पत्थर और कोयला
(D) लोहा और ताँबा
3. ‘बिहारी के दोहे’ में कितने तरह के दोहे शामिल है ?
(A) दो तरह के
(B) तीन तरह के
(C) चार तरह के
(D) पाँच तरह के
4. ‘मेरी भव बाधा हरौ राधा नागरी सोय।’ —यह पंक्ति किस शीर्षक कविता की है?
(A) रहीम के दोहे से
(B) कबीर के दोहे से
(C) बिहारी के दोहे से
(D) सूर के पद से
5. रीतिकालीन प्रसिद्ध कवि का नाम है–
(A) बिहारी
(B) सूर
(C) तुलसी
(D) रसखान
6. किसके वगैर व्यक्ति बड़ा नहीं होता?
(A) गुण के
(B) धन के
(C) रूप के
(D) शक्ति के
7. दैव जो देता है उसे क्या करने के लिए ‘बिहारी’ कह रहे हैं?
(A) स्वीकार करने को
(B) विरोध करने को
(C) छोड़ देने को
(D) तोड़ देने को
8. बिहारी के अनुसार रामु (भगवान) कैसे प्रसन्न होते हैं?
(A) सच्चाई से
(B) बुराई से
(C) दिखावा से
(D) बाह्यांडबर से
9. ‘बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाई’ काव्य पंक्ति है—
(A) बिहारी के दोहे से
(B) कर्मवीर से
(C) पीपल से
(D) सुदामा चरित से
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