इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड संस्कृत कक्षा 10 पाठ पाँच भारतमहिमा (Bharat mahima sanskrit class 10) के प्रत्येक पंक्ति के अर्थ के साथ उसके वस्तुनिष्ठ और विषयनिष्ठ प्रश्नों के व्याख्या को पढ़ेंगे।
पाठ परिचय- इस पाठ ‘भारत महिमा’ में भारत के महत्व के वर्णन से सम्बद्ध पुराणों के दो पद्य तथा तीन आधुनिक पद्य दिये गये हैं। हमारे देश भारत वर्ष को प्राचीन काल से इतना महत्व दिया गया था कि देवगण भी यहाँ जन्म लेने के लिए तरसते थे। इसकी प्राकृतिक सुषमा अनेक प्रदूषणकारी तथा विध्वंसक क्रियाओं के बाद भी अनुपम है। इसका निरूपण इन पद्यों में प्रस्तुत है।
5. भारतमहिमा (भारत की महिमा)
महिमा- बड़ाई, गौरव
(अस्माकं देशः भारतवर्षमिति कथ्यते। अस्य महिमा सर्वत्र गीयते। पाठेऽस्मिन विष्णुपुराणात् भागवतपुराणात् च प्रथमं द्वितीयं च क्रमशः पद्यं गृहीतमस्ति। अवशिष्टानि पद्यान्यध्यक्षेण निर्मीय प्रस्तावितानि। भारतं प्रति भक्तिरस्माकं कर्तव्यरूपेण वर्तते।)
हमारे देश को भारतवर्ष कहा जाता है। इसकी महिमा सब जगह गायी जाती है। इस पाठ में विष्णुपुराण और भागवत पुराण से क्रमशः प्रथम और द्वितीय पद्य लिया गया है। बचे अन्य पदों को निर्माण कर प्रस्तुत किये गये हैं। भारत के प्रति भक्ति हमारा कर्तव्य है।
गायन्ति देवाः किल गीतकानि धन्यास्तु ते भारतभूमिभागे।
स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वात्।।
अर्थ- देवता लोग गीत गाते हुए कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं, जिनका जन्म भारत देश में होता है। यह भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करने योग्य साधन-स्वरूप है। इसलिए यहाँ जन्म लेनेवाले को देवता के समान कहा गया है।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘विष्णुपुराण‘ से संकलित तथा ‘भारतमहिमा‘ पाठ से उद्धृत है। इसमें भारत देश की विशेषताओं के बारे में कहा गया है।
यह देश धरती पर स्वर्ग के समान माना जाता है। पुराणकार का कहना है कि यह भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करने वाली है। यहाँ जन्म लेनेवाले देवतुल्य माने जाते हैं क्योंकि यहाँ राम-कृष्ण जैसे देवताओं ने जन्म ग्रहण कर यह सिद्ध कर दिया है। इसलिए इस देश में जन्म लेनेवाले को देवता रूप में माना जाता है।
अहो अमीषां किमकारि शोभनं
प्रसन्न एषां स्विदुत स्वयं हरिः ।
यैर्जन्म लब्धं नृषु भारताजिरे
मुकुन्दसेवौपयिकं स्पृहा हि नः ।।
अर्थ- देवता लोग इस देश के गुण-गान करते हुए कहते हैं कि अहो! ईश्वर के द्वारा कितना सुदंर बनाया गया, जिससे मनुष्य भारत भूमि पर हरि के सेवा योग्य बन जाता है। मेरी भी इच्छा भारत भूमि पर जन्म लेने को है। अर्थात् जिस पर ईश्वर की कृपा होती है, वहीं भारत भूमि पर जन्म लेते हैं।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘भागवतपुराण‘ से संकलित तथा ‘भारतमहिमा‘ पाठ से उद्धृत है। इसमें भारत देश की महानता के बारे में कहा गया है।
पुराणकार का कहना है कि भारत ही ऐसा देश है जहाँ भगवान भी जन्म लेने की इच्छा प्रकट करते हैं। इस देश में जन्म लेनेवाले मनुष्य धन्यवाद के पात्र होते हैं क्योंकि श्रीहरी के सेवा के इच्छुक होते हैं। जिन लोगों ने यहाँ जन्म लिया, उनमें स्वयं भगवान भी हैं इन्हीं विशेषताओं के कारण देवता इस देश के गुणगान करते हैं।
इयं निर्मला वत्सला मातृभूमिः
प्रसिद्धं सदा भारतं वर्षमेतत्।
विभिन्ना जना धर्मजातिप्रभेदै-
रिहैकत्वभावं वहन्तो वसन्ति।।
अर्थ- यह भारत वर्ष प्रसिद्ध है। यह भारत भूमि हमेशा पवित्र और ममतामयी है। यहाँ भिन्न-भिन्न धर्म जाति के लोग भेद किये बिना एकता के भाव में रहते हैं।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘भारतमहिमा‘ पाठ से उद्धृत है। इसमें भारत देश की विशेषताओं के बारे में कहा गया है।
विद्धानों का कहना है कि भारत ही ऐसा देश है जहाँ विभिन्न जाति के लोग आपस में मिलजुल कर एकता का परिचय देते हैं। यहाँ के निवासियों ने शत्रुओं के साथ मित्रता का व्यवहार किया है। भिन्न-भिन्न जाति, धर्म, सम्प्रदाय के होते हुए भी सभी भाई-भाई के समान एक साथ रहते हैं।
विशालास्मदीया धरा भारतीया
सदा सेविता सागरै रम्यरूपा।
वनैः पर्वतैर्निर्झरैर्भव्यभूति-
र्वहन्तीभिरेषा शुभा चापगाभिः ।।
अर्थ- हमारी भारत भूमि विशाल, मनोहर तथा बहुत सुंदर ऐश्वर्य वाली है। यह सागरों, वनों, पर्वतों, झरनों और बहती हुई नदियों से हमेशा सुशोभित है।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘भारतमहिमा‘ पाठ से लिया गया है। इसमें भारत की विशालता एवं प्राकृतिक संपदा के संबंध में प्रकाश डाला गया है।
भारत एक विशाल देश है। इसके उत्तर में हिमालय पर्वत प्रहरी के समान है, दक्षिण में हिन्द महासागर पाँव पखार रहा है। गंगा, यमुना तथा बह्मपुत्र जैसी नदियाँ अपने जल से यहाँ की भूमि सींचती है, तो वनों से मुल्यवान लकड़ीयाँ एवं फल-फूल प्राप्त होते हैं। अतः भारत देश सभी प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण है।
जगद्गौरवं भारतं शोभनीयं
सदास्माभिरेतत्तथा पूजनीयम्।
भवेद् देशभक्तिः समेषां जनानां
परादर्शरूपा सदावर्जनीया।।
अर्थ- यह भारत देश शोभनीय और संसार का गौरव है और यह भूमि हमलोगों के द्वारा हमेशा पूजनीय है। यहाँ के सभी लोगों की देशभक्ति सदैव आकर्षणीय, श्रेष्ठ और आदर्श स्वरूप है।
व्याख्या- प्रस्तुत श्लोक ‘भारतमहिमा‘ पाठ से लिया गया है। इसमें देशभक्ति की विशेषता पर प्रकाश डाला गया है।
कवि का कहना है कि हमारी देश भक्ति इतनी मधुर है कि विश्व इसके समक्ष नतमस्तक है। हर व्यक्ति में देशभक्ति की तीव्र भावना है। सभी देश की रक्षा के लिए तन-मन-धन से समर्पित है। इसके आर्दश आचरण के कारण हमेशा शोभनिय और पुजनिय है।
भारतमहिमा (Objective Questions)
प्रश्न 1. गायन्ति देवाः …….. पुरुषाः सुरत्वात्। यह पद्य किस पुराण से उद्दृत है ?
(A) नारद पुराण
(B) विष्णु पुराण
(C) भागवत् पुराण
(D) गरूड़ पुराण
उत्तर-(B) विष्णु पुराण
प्रश्न 2. भारतभूमि कैसी है ?
(A) विशाल
(B) निर्मला
(C) वत्सला
(D) तीनों
उत्तर-(D) तीनों
प्रश्न 3. किसके गीत देवता भी गाते हैं ?
(A) भारतवर्ष के
(B) स्वीडेन के
(C) अमेरिका के
(D) नेपाल के
उत्तर-(A) भारतवर्ष के
प्रश्न 4. भारतमहिमा पाठ के द्वितीय श्लोक किस पुराण से संकलित है ?
(A) विष्णु पुराण से
(B) भागवत पुराण से
(C) पद्म पुराण से
(D) वायु पुराण से
उत्तर-(B) भागवत पुराण से
प्रश्न 5. किस देश में देवता बार-बार जन्म लेना चाहते हैं ?
(A) भारत
(B) नेपाल
(C) भूटान
(D) यूनान
उत्तर-(A) भारत
लघु-उत्तरीय प्रश्नोनत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्तेरीय
प्रश्न 1. भारत भूमि कैसी है तथा यहाँ किस प्रकार के लोग रहते हैं ?
अथवा, भारत महिमा के अनुसार बतायें कि हमारी मातृभूमि कैसी है?
अथवा, ‘भारतमहिमा’ पाठ के आधार पर भारतभूमि कैसी है? (2012C)
अथवा, हमारी मातृभूमि कैसी है?
उत्तर-भारतवर्ष अति प्रसिद्ध देश है तथा यहाँ की भूमि सदैव पवित्र और ममतामयी है। यहाँ विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग एकता के भाव में रहते हैं।
प्रश्न 2. देवगण भारत के गीत क्यों गाते हैं? पठित-पाठ के आधार पर उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखे। (2017A)
उत्तर-देवगण भारत देश का गुणगान करते हैं। क्योंकि, भारतीय भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करने का साधन है। मनुष्य भारत भूमि पर जन्म लेकर भगवान हरि की सेवा के योग्य बन जाते हैं।
प्रश्न 3. देवता लोग किस देश का गुणगान करते हैं और क्यों?
उत्तर-देवता लोग भारत देश का गुणगान करते हैं, क्योंकि भारतीय भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करने का साधन है। मनुष्य भारत भूमि पर जन्म लेकर भगवान हरि की सेवा के योग्य बन जाते हैं।
प्रश्न 4. भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर-भारत में जन्म लेकर लोग धन्य होते हैं और हरि की सेवा करते हैं। उन्हें स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है। भारतीय धर्म और जाति के भेदभावों को न मानते हुए एकता के भाव से रहते हैं। सभी भारतीयों की देशभक्ति आकर्षक है और दूसरों के लिए आदर्श स्वरूप है।
प्रश्न 5. भारतमहिमा पाठ से हमें क्या संदेश मिलताहै? अथवा, ‘भारतमहिमा’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ? पाँच वाक्यों में उत्तर दें। (2011C)
उत्तर-भारतमहिमा पाठ से यह संदेश मिलता है कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। हम भारतीयों को हरि की सेवा करने का मौका मिला है, और मोक्ष की प्राप्ति का भी अवसर मिला है। हमें देशभक्त होना चाहिए और अन्य भारतीयों से मिल-जुलकर रहना चाहिए।
प्रश्न 6. भारतमहिमा पाठ का क्या उद्देश्य है?
उत्तर-भारतमहिमा पाठ में पौराणिक और आधुनिक पद्य संकलित हैं, इन सभी पद्यों का उद्देश्य भारत और भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करना है। इनमें भारत की सुंदरता एवं भव्यता और भारतीयों की देशभक्ति आदि की ओर पाठक का ध्यान आकर्षित किया गया है।
प्रश्न 7. भारत महिमा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर-इस पाठ में भारत के महत्त्व के वर्णन से सम्बद्ध पुराणों के दो पद्य तथा तीन आधुनिक पद्य दिए गए हैं। हमारे देश भारतवर्ष को प्राचीन काल से इतना महत्त्व दिया गया है कि देवगण भी यहाँ जन्म लेने के लिए तरसते हैं। इसकी प्राकृतिक सुंदरता अनेक प्रदूषणकारी तथा विध्वंसक क्रियाओं के बाद भी अनुपम है। इसका निरूपण इन पद्यों में प्रस्तुत है।
Read More – Click here
Class 10th Ncert Sanskrit – Click here
YouTube Video – Click here
Leave a Reply